
चंडीगढ़। पंजाब में बढ़ते संक्रमण के बीच पंजाब सरकार ने स्कूलों को बंद न करने और विवाह समारोह में कोविड निरीक्षक तैनात किए जाने का फैसला किया है। बढ़ते संक्रमण को लेकर मुख्य सचिव विनी महाजन द्वारा बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।
मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान सूबे के सभी जिलों की समीक्षा कर टीकाकरण की प्रगति भी जानी। बैठक में शामिल हुए जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को गाइडलाइन के अनुरूप सख्ती बरतने के निर्देश दिए।
बैठक में विनी महाजन ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है। सभी डिप्टी कमिश्नर और पुलिस मुखिया विवाहों, धार्मिक समारोहों और सामाजिक कार्यों जैसे बड़े जमावड़ों के दौरान सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करवाएं।
उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वे कस्बों का जायजा लें, जहां हाल ही में मतदान हुए हैं। जिससे भीड़ के कारण हुए कोविड मामलों की असली स्थिति का पता लगाया जा सके। स्कूलों में बीमारी का फैलाव कम है, इसलिए स्कूलों को बंद करने की जरूरत नहीं है। स्कूल अध्यापकों को टेस्ट करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए और योग्य अध्यापकों को पहल के आधार पर फ्रंट लाइन वर्करों के तौर पर टीका लगाया जाए।
उन्होंने चिंता जाहिर की है कि राज्य में पिछले दो हफ्तों के दौरान कोविड के मामलों में भारी वृद्धि देखी गई है। महाजन नेे कहा कि लोगों में कोविड से बचने के लिए सरकार की तरफ से जारी हेल्थ प्रोटोकॉल के प्रति जागरूकता फैलाई जाए। इस वर्चुअल मीटिंग में डीजीपी दिनकर गुप्ता, प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) डीके तिवारी, सचिव (स्कूल शिक्षा) कृष्ण कुमार, सचिव (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण) कुमार राहुल, पीएचएससी के मिशन डायरेक्टर तनु कश्यप, विशेष सचिव अमित कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव हुस्न लाल ने बताया कि 238367 लोगों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। टीका लगवाने के बाद किसी भी व्यक्ति को कोई स्वास्थ्य समस्या सामने नहीं आई है।