
ऊना/सुशील पंडित: हर समय हमारी वृति भगवान में लगी रहनी चाहिए। खाते-पीते, पूजा, कार्य करते हुए प्रभु का ध्यान करते रहना चाहिए। उक्त प्रवचन महादेव मंदिर कोटला कलां में कपिला परिवार के सौजन्य से स्वामी मंगलानंद जी के आशीर्वाद संरक्षण में शुरु श्रीमद भागवत कथा सप्ताह के छठें दिन बुधवार को पंडित शिव कुमार शास्त्री ने कहीं। उन्होंने कहा कि हमें कभी अभिमान नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोपियों को भी अपनी भक्ति, सुंदरता पर अभिमान हो गया था, तब कृष्ण भगवान गोपियों को छोड़ राधा रानी को साथ लेकर चले गए। मंदिर में न कुछ देने जायो न लेने। देने से अभिमान हो जाएगा, लेने से मान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भगवान शिव जी को माता पार्वती जी ने गोपी का रूप बनाकर भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करने लेकर महारास में लेकर गए। कृष्ण भगवान जी ने शंकर जी के गोपी रूप को गोपेश्वर जी का नाम दिया।


शास्त्री जी ने वृंदावन की होली को दिव्य होली बताया। उन्होंने कंस वध पर बोलते हुए कहा कि भगवान कभी किसी को नही मारते। कृष्ण भगवान जी के मथुरा नगरी में प्रवेश मात्र से ही समस्त नगरवासियों के मन से कंस का भय समाप्त हो गया था। उन्होंने कहा कि भगवान तो परोपकार के लिए ही जाने जाते है। परोपकार ही पूण्य है। अपने लिए जीना अच्छी बात है, लेकिन अपने लिए ही जीना उचित नही। किसी की मदद करना परम उत्तम कार्य है। उन्होंने कहा कि ।असंख्य माताओं की कुर्बानियों से धर्म की रक्षा हुई है। उन्होंने कहा कि गरीब का आदर व सेवा करने से भगवान प्रसन्न होते है। इस अवसर पर स्वामी मंगलानन्द जी महाराज, महादेव मंदिर कोटला कलां, स्वामी ज्ञान गिरी जी महाराज डेरा बाबा ओगड नाथ जी थानाकलां ने भी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया।कथा में दर्शना कपिला, राकेश कपिला, पूजा कपिला, सोमनाथ कौशल, श्रीराम लीला कमेटी के अध्यक्ष अविनाश कपिला, हिमोत्कर्ष के मुख्य सलाहकार राणा शमशेर सिंह,हिमोत्कर्ष प्रादेशिक अध्यक्ष जतिंदर कंवर, गुरु का लंगर सेवा समिति ट्रस्ट के अध्यक्ष अश्विनी जैतक,संजीव अग्निहोत्री व अन्य उपस्थित रहे।
कथा व्यास शिव कुमार शास्त्री जी ने पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं से 14 हजार रुपये गौ सेवा के रूप में एकत्रित धनराशि थानाकलां गौ शाला में भेंट की। उन्होंने कहा कि गौ सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।
श्री कृष्ण विवाह संपन्न हुआ
कथा व्यास ने विवाह शादियों में होने वाले अनावश्यक खर्चो को कम करने का आह्वान किया। रिंग सेरेमनी जैसी प्रथाओं को बंद कर मंगनी प्रथा को अपनाने को कहा। उन्होंने कहा कि आज के दौर में दिखावे के लिए लोग विवाह शादियों में अनावश्यक खर्च कर रहे है, जोकि गलत है।