
आटो चालक फिर किराया बढ़ाने के लिए प्रशासन पर बना रहे दबाव
जालंधर/अनिल वर्मा। सत्ता में काबिज होने के तीन साल बाद भी कांग्रेस सरकार शहरवासियों को सिटी बस की सेवा नहीं दे सकी। चाहे यह प्रौजेक्ट फाईलों में घूम रहा है मगर पिछले चार साल पहले शहर में ठप्प हुई सिटी बस की सेवा का फायदा आटो चालक जमकर उठा रहे हैं। सिटी बस में शहर के प्रत्येक रुट का 5 रुपये किराया था तब आटो चालक की यूनियनों ने प्रर्दशन करके आटो का किराया 10 रुपये किया और सिटी बस को बंद करवाने के लिए कई साजिशेंं रची।

जिसका खमियाजा जालन्धरवासियों को भुगतना पड़ा। जालन्धर में हर रूट पर अब आटो यूनियन का एकछत्र राज है । अब यूनियनें ने एक बार फिर किराया बढ़ाने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाना शुरु कर दिया है। यूनियन की मांग है कि कोराना महामारी के कारण आटो चालकों का बहुत नुक्सान हुआ जिसके चलते कई लोगों ने लाखों रुपये कर्ज लिया। उसे चुकाने के लिए अब किराया बढ़ाना जरुरी है। यूनियन की मांग है कि इस बार किराया 10 रुपये से बढ़Þाकर 25 रुपये किया जाए।
वहीं शहर में दूसरा विक्लप ईरिक्शा का भी है। इस आटो में भी लोग कई रुट पर सफर करते हैं इसका किराया डीजल आटो से आधा है। इस आटो से प्रदूषण भी नहीं होता जबकि डीजल आटो के कारण शहर में प्रदूषण भी फैल रहा है। आने वाले दिनों में इस मामले में यूनियन नेता प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए रणनीति तैयार कर सकते हैं।