
झारखंडः खूंटी में लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे 105 जोड़े वैवाहिक बंधन में बंध गए। वे गरीबी के कारण शादी नहीं कर पा रहे थे। साथ ही वे शादी करने और गांव वालों को शादी का भोज खिलाने में असमर्थ थे। समाज में इन लोगों का ढुकू के नाम से तिरस्कार किया जाता था। वहीं, अब इन लोगों को सामाजिक स्तर पर न्याय मिला है। राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू और केन्द्रीय सचिव एन एन सिन्हा ने आशीर्वाद दिया है। विवाह समारोह में डीसी एसपी सहित पूरे प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए।


इन जोड़ों को सामाजिक मान्यता दिलाने का निमित संस्था ने बीड़ा उठाया। उन्होंने लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे 105 जोड़ों को वैवाहिक बंधन तक पहुंचाया। आखिरकार जोड़ों को ढुकू की संज्ञा से मुक्ति मिल गई। 2017 से 5 साल के लगातार प्रयास के बाद निमित संस्था लोगों को समझाने में कामयाब हुई। सुदूर बीहड़ों में अति पिछड़े समाज के लोग गरीबी की वजह से शादी समारोह कर लोगों को खाना पीना नहीं खिला पाते हैं।

कई बार यहां प्रेमी जोड़े शादी तो कर लेते हैं लेकिन जब प्रेमी जोड़े समाज में लोगों को शादी भोज खिलाने में असमर्थ रहते हैं तो उन्हें बिना शादी के ही लिव इन में रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इसकी वजह से इनकी मजबूरी को सामाजिक कुरीतियों की ऐसी मार पड़ती है कि इन्हें समाज में ढुकू के नाम से बुलाया जाता है। सामाजिक समारोह में शामिल होने का अधिकार छीन लेते हैं और लोगों के ताने सुनने पड़ते हैं।
इस तरह से सिर्फ इन दोनों को नहीं इनकी आने वाली पीढ़ी का भी समाज तिरस्कार करता है। वहीं, सरकारी स्तर पर इनको विधवा पेंशन, आधार कार्ड, राशन कार्ड बनाने में भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन सब पर संस्था ने रिसर्च करते हुए लगातार इन लोगों से संपर्क कर इनकी जिंदगी बसाने के लिए सामूहिक विवाह का आयोजन किया।
इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने वर्चुअल आशीर्वाद के साथ-साथ इनको सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर केन्द्र सरकार के सचिव एनएन सिन्हा ने भी जेएसएलपीएस के माध्यम से इनको जोड़ कर स्वावलंबी बनाने का घोषणा की। विवाह समारोह सरना धर्म के अनुसार संपन्न हुआ जिसमें जिले के डीसी, एसपी सहित सभी अधिकारियों ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया।