
ऊना/सुशील पंडित: महादेव मंदिर कोटला कलां में स्वामी मंगलानंद जी महाराज के आर्शीवाद व संरक्षण में कपिला परिवार के सौजन्य से चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन शनिवार को प्रवचन करते हुए कथाव्यास आर्चाय शिव कुमार शास्त्री ने कहा कि मानव जीवन परोपकार के लिए है। हमे अपने जीवन को दूसरों की सेवा में समर्पित कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीमद भागवत कथा में 18 हजार मंत्र है। हमे हर दिन कम से कम एक मंत्र स्मरण करने का अभ्यास करना चाहिए। धर्म जगत में जितने भी योग, यज्ञ, तप, अनुष्ठान आदि किए जाते हैं उन सब का एक ही लक्ष्य होता है कि हमारी भक्ति भगवान में लगी रहे। संसार के प्रत्येक कण में हमें मात्र अपने प्रभु का ही दर्शन हो।


श्रीमद्भागवत के श्रवण मात्र से भक्त के ह्दय में ऐसी भावनाएं समाहित हो जाते है और मन, वाणी व कर्म प्रभु में लीन हो जाता है। उन्होंने कहा कि हमें सत्य की वंदना करनी चाहिए क्योंकि सत्य व्यापक होता है, सत्य सर्वत्र होता है और सत्य की चाह सबको होती है। पिता अपने पुत्र से सत्य बोलने की अपेक्षा रखता है भाई-भाई से, मित्र-मित्र से सत्यता निभाने का काम करता है। इसलिए कथा के प्रारंभ में श्री वेदब्यास जी ने सत्य की वंदना के द्वारा मंगलाचरण किया है और भागवत कथा का विश्राम भी सत्य की वंदना के साथ किया है। शिव कुमार शास्त्री ने कहा कि सत्य ही कृष्ण है, सत्य ही प्रभु श्रीराम है सत्य ही शिव है एवं सत्य ही मां दुर्गा है। अत: श्रवण करने वाला सत्य को अपनाता है सत्य में ही रम जाता है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन का सर्वश्रेष्ठ परम धर्म यही है कि जीवन में अपने ईष्ट के प्रति प्रगाढ़ भक्ति हो जाए। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत में निष्कपट धर्म का वर्णन किया है जो व्यक्ति निष्कपट हो, निर्मत्सर हो उसी व्यक्ति की कथा कहने एवं कथा श्रवण करने का अधिकार है। जो संत समाज की सेवा में लगा होता है वो भगवान का ही रूप होता है। उन्होंने कहा कि भगवान का कभी भी स्मरण नही छोडऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात से फर्क नही पड़ता कि तुम कितना जिए फर्क इस बात से पड़ता है कि तुम कैसे जिए। अगर एक भी पल प्रभु भक्ति या किसी को सुख देने के लिए मिलता है तो उस पल का कोई मोल नही है। आज ही प्रण लें कि अभी से कोई ऐसा काम नही करेंगे जिससे हमें भगवान से दूर हों और न ही ऐसा कुछ खाएंगे जिससे हमारा मन मलीन हो, हमारे विचार विशुद्ध हों। शुद्ध शाकाहारी बनें और शाकाहारी भजनों से ठाकुर को पाने का प्रयास करें।