
जालंधर कैंट (गुलाटी)। वैसे तो पिछले कई वर्षों से जालंधर कैंट को नो-कैटल जोन घोषित किया जा चुका है, लेकिन बोर्ड प्रशासन की सुस्त कार्यवाही के कारण आज भी कैंट में मवेशी घूमते देखे जा सकते है। कैंट के तोपखाना बाजार सहित कैंट में ओर भी कई डेयरी है जहा पर पशु पालना हो रहा है और स्थानिय प्रशासन है कि मूक दर्शक बना बैठा है।

तोपखाना बाजार में चलने वाली डेयरी में से मवेशी प्रतिदिन सुबह शाम सड़कों पर घूमते देखे जा सकते है जो घास चरने के लिए आसपास के खाली जगहों पर जाते है। बीच सड़क में गुजरने से इन मवेशियों से हादसे में घटित हो जाते है और वहा से गुजरने वाले वहान चालकों भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आज भी सुबह कई मवेशी बीच सड़क में घूमते देखे गये जो वाहन चालको के लिए परेशानी की सबब बने दिखे।
हालांकि बोर्ड बैठक में कई बार इन डेयरियों को कैंट से बहार निकाल जमशेर भेजने की बात कही जाती है लेकिन हर बार मामला जितनी गर्मजोशी से उठता उतनी ही रफ्तार से मामला ठंडे बस्ते में बंद हो कर रहा जाता है। कैंट में अधिकतर डेयरी मालिक रात के समय मवेशियों को खोला घूमने छोड़ देते हैं। जिस कारण गलली बाजारों में मवेशियों की गंदगी लोगों को घरों के आगे फैले देखी जाती है। इस सबंध में सबंधित अधिकारियों से बात करनी चाहिए तो उनसे बात न हो सकी।