
चीफ सैक्टरी ने इन अफसरों के खिलाफ भी दिए यह सख्त आदेश
जालंधर/अनिल वर्मा। लोकल बॉडी विभाग के लिए अवैध निर्माण बड़ा भ्रष्टाचार के केन्द्र बन चुके हैं। इन निर्माणों को शह देने वाले नेताओं के हाथ उस वक्त अफसरों के सिर से उठ जाते हैं जब वह बली का बकरा बनता है। पंजाब के अमृतसर से बड़ी खबर है जहां केनेडी एवन्यू के प्लाट नंबर 32 में एक अवैध होटल के निर्माण की चल रही जांच के बाद एमटीपी आईपीएस रंधावा को तत्कालीन प्रभाव से डिसमिस कर दिया गया है। इस मामले में जांच अधिकारी एवं चीफ सैकटरी सतीश चंद्रा ने एटीपी सजीव देवगन की दो इंक्रीमेंट पर रोक तथा रिटायर बिल्डिंग इंस्पेक्टर आफताब भाटिया की 25 प्रतिशत पेंशन में 6 वर्ष के लिए रोक लगा दी है।

एटीपी नरेंद्र शर्मा कोबेकसूर करार देते हुए बरी किया गया है। बता दें कि इस मामले को लेकर पिछले लंबे समय से जांच चल रही थी तथा 18 जुलाई 2017 को इसमें आरोपी अधिकारियों को चार्जशीट भी किया गया था। चार्जशीट का जवाब आने के उपरांत इस संबंधी जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच भी करवाई गई थी। इस मामले को लेकर लोकल बॉडी विशेष मुख्य सेक्टरी द्वारा अंतिम सुनवाई 18 अगस्त 2020 को निजी तौर पर की गई थी। अपने आदेशों में चीफ सैक्टरी ने यह भी कहा कि 2016 को एडीशनल चीफ सेक्रेट्री (एसीएस)ने होटल निर्माण को गलत बताया गया था। नक्शे के विपरीत बन रहे निर्माणाधीन होटल में 9 बड़ी कोताहियाँ पाई गई थी। जारी किए गए आदेशों में सभी कुछ विस्तार में लिखा गया है।