
पठानकोटः जिले में स्थित राज अस्पताल पर परिजनों ने गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। आरोप है कि अस्पताल में भर्ती एक मरीज को डॉक्टर ने मरा हुआ बताया, जबकि वह जिंदा है और उसका इलाज चल रहा है। परिजनों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाए कि डॉक्टर द्वारा परिवार को डेडबॉडी सौंपने तक की बात कह दी गई। इस मामले को लेकर अस्पताल में भर्ती मरीज के परिवार वालों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ रोष जताया। मरीज के परिजनों ने डॉक्टर पर बदतमीजी करने और रुपये न मिलने पर उपचार बंद करने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
घटना को लेकर मरीज के परिवार ने अस्पताल के बाहर नारेबाजी करते हुए पुलिस को कार्रवाई संबंधी शिकायत भी दी है। पीड़ित परिवार का कहना है कि पिछले सप्ताह उनके मरीज का मामून डिफेंस रोड पर एक्सीडेंट होने पर वे पहले मरीज को सिविल अस्पताल पठानकोट लेकर गए। जहां से उन्हें राज अस्पताल रेफर कर दिया गया। राज अस्पताल में मरीज को लेकर जब आए तो वहां पर डॉक्टरों ने मरीज के बचने का 10 प्रतिशत चांस बताया। इसके बाद मरीज का अस्पताल में उपचार शुरू कर दिया गया। अस्पताल में मरीज के उपचार का एक दिन खर्च करीब 32 हजार रुपये उनसे वसूला जा रहा था। परिवार वालों ने कहा कि जब भी पैसे कम पड़ते तो डॉक्टर उपचार बंद कर देते और उन्हें मरीज से मिलने भी नहीं दिया जाता।
परिजनों ने कहा कि जब वे अपने मरीज से मिलने के लिए गए तो अस्पताल के डॉ. अनिल गर्ग की तरफ से उनके साथ बदतमीजी की गई और उन्हें मरीज के मरा होने और डेडबॉडी सौंपने की बात कही, जबकि मरीज जिंदा है। परिवार के सदस्यों ने कहा कि उक्त अस्पताल के डॉक्टर खिलाफ उन्होंने पुलिस को शिकायत दर्ज करवा कार्रवाई की मांग की है। वहीं, मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी विजय कुमार ने कहा कि अस्पताल के बाहर रोष जताने वाले लोगों को शांत करवाया गया है और उनका मरीज अभी जिंदा है। अस्पताल में उनके मरीज का उपचार चल रहा है। अभी घटना को लेकर अस्पताल के प्रंबंधकों या डॉक्टर का कोई बयान सामने नहीं आया है, अगर वह अपना पक्ष रखना चाहते है तो उसे प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।