
कपूरथलाः जिले की सीमा के भीतर बहने वाली ब्यास नदी के पास हो रही अवैध माइनिंग को लेकर कई बार गांव वासियों द्वारा रोष पाया जा चुका है। वहीं आज गांव वासियों ने रेत से भरे टिप्पर सहित चालक को काबू किया है। लोगों को कहना है कि दरिया के पास से हो रही अवैध माइनिंग के चलते बांध काफी नीचे चला गया है। वहीं अवैध माइनिंग के कारोबार से जुड़े कुछ लोग बेखौफ होकर रेत (यानि चिट्टे सोने) की चोरी करके लाखों रुपये का सरकार को चूना लगा रहे हैं।
कई बार यह मामला मीडिया की सुर्खियों में भी आता रहा है, लेकिन कुछ दिनों की रोक के बाद यह सिलसिला फिर से शुरू हो जाता है। दरअसल, दरिया के पास से हो रही अवैध माइनिंग को लेकर गांव वासियों को समस्याएं आ रही है। उनका कहना है कि माइनिंग माफिया के रेत से भरे टिपर ट्रालें लगातार धूसी बांध से गुजरते हैं, जिसके कारण धूसी बांध कमजोर हो रहा है। यदि भारी आवाजाही जारी रही, तो बारिश के समय धूसी बांध कभी भी टूट सकता है। गांववासियों ने माफिया को रोकने के लिए प्रशासन से बार-बार अपील की, लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई, जिसके कारण गुस्साए लोगों ने आज माइनिंग माफिया को काबू करने की कोशिश की।
इस दौरान लोगों ने एक रेत से भरा एक टिप्पर काबू कर लिया। हालांकि बाकी मशीनें भागने में चालक सफल हो गए। काबू किए गए टिप्पर चालक जोगराज को लोगों ने पुलिस के हवाले कर दिया। इस संबंध में सूचना मिलने पर माइनिंग अधिकारी मौके पर पहुंच गए, जिन्होंने कार्रवाई का भरोसा दिया है। वहीं इलाका निवासियों की मांग है कि बारिश के समय दरिया में बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है, जिसके कारण धूसी बांध टूटने का खतरा बना रहता है। बांध को बचाने के लिए उन्हें अपने पैसों से हर साल इसकी मरम्मत करवानी पड़ती है और रातों को जागकर धूसी बांध की सुरक्षा करनी पड़ती है। लोगों की मांग है कि सरकार के करोड़ों रुपये को चूना लगाने वाले माइनिंग माफिया पर सख्ती से कार्रवाई की जाए।