
अमृतसरः पंजाब में निहंगों के विरोध के बीच तख्त श्री केशगढ़ साहिब के नए जत्थेदार के तौर पर ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज की दस्तारबंदी कर दी गई। उनकी सेवा संभाल को लेकर विभिन्न जत्थेबंदियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें सिख धर्म के सर्वोच्च श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार का भी अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। वहीं इस दस्ताबंदी को लेकर वहीं श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने तीखा हमला करते हुए लिखा, तख्त श्री केसगढ़ साहिब में, न तो ग्रंथ हाजिर, न पंथ हाजिर और हो गई दास्तारबंदी।
उन्होंने सोशल मीडिया पर आगे लिखा कि मर्यादा के विपरीत यह चीजें ज्ञानी हरप्रीत सिंह के बारे में चिल्ला-चिल्ला कर कह रही थी कि इसने मर्यादा का उल्लंघन किया। सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह पर भी आरोप लगाया हुए कहा कि इन्होंने मर्यादा के अनुसार कार्य नहीं किए, अब आज कौन सी मर्यादा का पालन हुआ? न सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब श्री दरबार साहिब जी के हेड ग्रंथी या ग्रंथी सिंह साहिब हाजिर, न श्री अकाल तख्त साहिब के हेड ग्रंथी साहिब हाजिर, न श्रोमणी गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान या सीनियर मीट प्रधान हाजिर, न सदस्य हाजिर, न दूसरे तख्त साहिबान के जत्थेदार साहिब या हेड ग्रंथी साहिब हाजिर और हो गई दास्तारबंदी।
दूसरी ओर 96 करोड़ी बाबा बलबीर सिंह व अन्य निहंग संगठनों के मुखियों ने कहा कि हरिमंदिर साहिब के हेड ग्रंथी और अन्य सभी संगठनों की गैरहाजिरी में हुई इस दस्तारबंदी को नहीं माना जाएगा। जिस समय ये ताजपोशी हुई, श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश भी नहीं था। यह ताजपोशी मर्यादा के उलट की गई है। इससे तख्त की मर्यादा को ठेस पहुंची है। आज से होला महल्ला शुरू हो रहा है। इसे देखते हुए सभी निहंग संगठन विरोध भी जताएंगे।