
खतरे में पड़ी राजा वडिंग की प्रधानगी
चंडीगढ़ः पंजाब में 2027 के चुनावों से पहले एक बार फिर से कांग्रेस में अंदरूनी कलह देखने को मिल रही है। मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के खिलाफ हाईकमान को रिपोर्ट पेश की गई। पंजाब कांग्रेस को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल को एक रिपोर्ट सौंपी गई। सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट से पंजाब कांग्रेस में भूचाल आ सकता है। सूत्र बताते है कि कांग्रेस पंजाब प्रधान राजा वडिंग को हटाया जा सकता है। इस रिपोर्ट में सांसद और प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह उर्फ राजा वडिंग की कार्यशैली पर गंभीर आरोप हैं।
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
- सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाईकमान के पास पहुंची रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के वरिष्ठ नेताओं में आपस में तालमेल बिल्कुल नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह उर्फ राजा वडिंग की कार्यशैली भी पूरी तरह एकला चलो वाली है।
- आम आदमी पार्टी की सरकार बने 3 साल हो चुके हैं, लेकिन बतौर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने किसी बड़े मुद्दे को लंबे वक्त के लिए उठाकर बड़ा धरना प्रदर्शन नहीं किया। ऐसा लगता है कि, प्रदेश संगठन भगवंत सरकार से सीधी सियासी लड़ाई लड़ने से बचता आया है। ये मुख्य विपक्षी दल होने के नाते पार्टी के लिए नुकसानदेह है।
- प्रदेश अध्यक्ष पूर्व प्रभारी से मिलकर अपने चहेतों को कार्यकारी जिलाध्यक्ष के तौर पर लगातार नियुक्ति करते रहे, क्योंकि जिलाध्यक्ष की नियुक्ति एआईसीसी से होती है। ये अनुशासनहीनता का गंभीर मामला है।
- विधानसभा के उपचुनावों में बाकी सीटों को दरकिनार कर प्रदेश अध्यक्ष अपनी पत्नी के चुनाव में ही ज़्यादातर समय व्यस्त रहे, जिसके कारण नतीजे पार्टी के लिए अच्छे नहीं रहे हैं।
- कारपोरेशन चुनावों में प्रदेश में चुनाव समिति का गठन हुआ, लेकिन उसकी एक भी बैठक नहीं हुई। टिकट बंटवारे में कोई नियम कायदा न बनाकर मनमर्जी की गई। चुनावों के नतीजे पार्टी के लिए खासे निराशाजनक हैं।
- कॉर्पोरेशन चुनाव में बिना एआईसीसी को बताए फगवाड़ा में बीएसपी से गठबन्धन कर लिया गया।
- एक वक्त कांग्रेस छोड़कर खासकर आप या बीजेपी गए नेताओं की घरवापसी के मसले पर भी प्रदेश संगठन ने किसी नियम कायदे के बजाय अपने चहेतों को तरजीह दी, विरोधियों के करीबियों को नो एंट्री।