
मित्रों को खुश करने और चेहतों को रेवड़ियां बांटकर सुक्खू सरकार ने लुटाया सरकारी खजाना
सुक्खू सरकार के दिवालियापन के चर्चे आज पूरे देश में,राष्ट्रीय चैनलों पर देव भूमि सरकार का उड़ रहा मजाक
ऊना/सुशील पंडित: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार की वित्तीय स्थिति को लेकर सियासत गरमा गई है। कुटलैहड़ के भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक दविंद्र भुट्टो ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए मीडिया से कहा कि अब प्रदेश सरकार मंदिरों के चढ़ावे से अपना खर्च चलाने की योजना बना रही है, जो कि पूरी तरह दिवालियापन का संकेत है। उन्होंने सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कर्मचारियों को बीते तीन महीने से वेतन नहीं मिल रहा, पटवारियों और कानूनगो की मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन राज्य की सुक्खू सरकार अपनी नाकामी का ठीकरा केंद्र पर थोपने में लगी हुई है। दविंदर भुट्टो ने कहा कि प्रदेश में लगातार बिगड़ती आर्थिक स्थिति के कारण सरकारी कर्मचारियों का वेतन रुका हुआ है। शिक्षक, स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस और अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारी अपने वेतन के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार की और से कोई ठोस हल नहीं निकल रहा। तीन महीने से वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
भुट्टो ने कहा कि राज्य में सरकारी विभागों में काम करने वाले ठेका कर्मचारियों की स्थिति और भी खराब है। अनेक विभागों में फंड की कमी के चलते विकास कार्य ठप पड़े हैं। इससे आम जनता भी प्रभावित हो रही है। दविंदर भुट्टो ने कहा कि प्रदेश में पटवारियों और कानूनगो की हड़ताल जारी है। वे अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगें मानने के बजाय खुद को असहाय बताने में लगी हुई है।
भुट्टो ने कहा कि पटवार संघ के नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस सरकार पूरी तरह से विफल हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि दो वर्ष के कार्यकाल मेरे सुक्खू सरकार ने कोई युवा को नौकरी न ही सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं और अब राज्य के मंदिरों के चढ़ावे से सरकार चलाने की तैयारी हो रही है। उन्होंने कहा कि मंदिरों की दानराशि धार्मिक आस्था से जुड़ी होती है, और सरकार को इस पैसे का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर मंदिरों के पैसे से सरकार चलेगी, तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था का क्या होगा ? उन्होंने कहा कि दूसरी और सुक्खू सरकार प्रदेश की आर्थिक तंगी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है।
सरकार के मंत्रियों का कहना है कि हिमाचल को जीएसटी मुआवजे की राशि नहीं मिल रही, जिससे प्रदेश की वित्तीय स्थिति बिगड़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए केंद्र पर आरोप लगा रही है। उन्होंने दावा किया कि अगर सरकार ने सही आर्थिक प्रबंधन किया होता, तो आज यह स्थिति नहीं आती। उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकार की वित्तीय नीतियों से जनता में भी नाराजगी बढ़ रही है। कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलने से राज्य में असंतोष फैल रहा है। आम लोग विकास कार्यों के ठप होने से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो प्रदेश की आर्थिक स्थिति और खराब हो सकती है। वहीं, भाजपा इस मुद्दे को लेकर सड़क से सदन तक सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। इस मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेंद्र मलांगड़, सूरम सिंह, सुदर्शन शर्मा सहित भाजपा के नेतागण मौजूद रहे।