
टाहलीवाल में जिओ के पैट्रोल पंप पर देर रात दो लुटेरों ने दरात और तलवार से हमला करके छीने थे पैसे से भरे बैग
गढ़शंकर पंजाब के नशेड़ी निकले आरोपी, पहले भी इस तरह की वारदातों में थे शामिल
पिछले 2 वर्षों में 9 बार हरोली पुलिस ने सुलझाई ब्लाइंड घटना की गुत्थी
ऊना/ सुशील पंडित: जिला ऊना पुलिस कप्तान राकेश सिंह के कुशल मार्गदर्शन तथा पुलिस अधीक्षक हरोली मोहन रावत के निर्देशानुसार हरोली और टाहलीवाल पुलिस टीम ने मिलकर जिओ पेट्रोल पंप पर हुई लूट की ब्लाइंड घटना को बेनकाब कर दिया है । बीती 22 फरवरी 25 को रात करीब 3 बजे पंजाब से आए दो बाइक सवारों ने टाहलीवाल में स्थित जिओ कंपनी के एक पेट्रोल पंप के अंदर घुसकर पेट्रोल पंप के कर्मचारियों पर तलवार और दराट से हमला करके लहूलुहान कर दिया था और करीब 60 हजार रुपए की राशि छीन करके भाग गए थे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर बेहद वायरल हुआ था, जिसमें आरोपी तलवार लहराते हुए तथा दराट से भयंकर तरीके से पेट्रोल पंप कर्मचारियों को मारते हुए साफ दिखाई पड़ रहे थे , परंतु दोनों ही आरोपियों ने अपनी पहचान को मुंह पर नकाब बांध कर छुपा रखा था । पूरी वारदात के दौरान आरोपियों की पहचान संभव नहीं थी । घटना की सूचना मिलते ही हरोली के डीएसपी मोहन रावत तथा टाहलीवाल थाना प्रभारी रिंकू रघुवंशी पुलिस टीम सहित मौके पर पहुंची । घटना की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी हरोली सुनील संख्यान को भी डीएसपी मोहन रावत ने टीम में शामिल करके खुद मोर्चा संभाला। पुलिस की कई टीमें बनाकर इलाके में भेजी गईं।
प्राथमिक दृष्टि में एक बाइक टाहलीबाल की ओर से पेट्रोल पंप पर आया था, जिसमें दो बाइक सवार लूटेरे घटना को अंजाम देने के लिए आए थे, जिस को आधार बनाकर पुलिस उक्त बाइक की तलाश में जुटी । परंतु बाइक पर कोई नंबर प्लेट नहीं थी जिस कारण बाइक की पहचान करना भी मुश्किल थी, परंतु पुलिस लगातार हरोली में लगे कैमरों तथा बाइक सवार के रूट को कंफर्म करते हुए रूट की पहचान करके गढ़शंकर नवांशहर तक पहुंची , परंतु सारी वारदात रात के समय के होने के कारण तथा आरोपियों के द्वारा अपने मुंह ढके और चद्दर ओढ़कर होने के कारण कहीं भी आरोपियों की पहचान या बाइक की पहचान नहीं हो पाई।
जब पुलिस को पहला प्रयास/रास्ता खत्म होता दिखाई दिया तो पुलिस ने पुरानी थ्योरी पर फील्ड पर काम करते हुए पुलिस के सब मुखबिरों को एक्टिव किया तथा पंजाब पुलिस के मुखबिरों से भी सूचना एकत्रित की गई। पंजाब के गढ़शंकर इलाके में जितने भी पुराने क्रिमिनल थे उनका रिकार्ड खंगाल गया तथा घटना को देखते हुए यह पाया कि आरोपी नवांशहर साइड से टाहलीबाल में वारदात करने आए थे जहां से आने-जाने के लिए करीब 2 घंटे का समय लगता है और वारदात करने के लिए आरोपियों ने केवल 7 मिनट लगाए थे। गढ़शंकर से लेकर टाहलीवाल तक बीच में कई पेट्रोल पंप आते हैं परंतु आरोपियों ने कहीं भी किसी भी अन्य पेट्रोल पंप को निशाना नहीं बनाया। जिस कारण पुलिस को शक हुआ कि वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने पहले रेकी की होगी । उस नजरिए से घटना स्थल पेट्रोल पंप की पिछली फुटेज भी खंगाली गई। जहां से एक संदिग्ध गाड़ी को आधार बनाते हुए पुलिस ने उस गाड़ी का बैक लिंक निकाला तथा फील्ड में जाकर बैक लिंक पर काम करते हुए मुखबिरों की सहायता से आरोपियों की पहचान की और पिछले कल गढ़शंकर में दो आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की है। दोनों आरोपियों से पूछताछ की गई है। दोनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
आरोपियों के पास से घटना के दौरान पहने हुए कुछ कपड़े तथा तलवार बरामद हो चुकी है और घटना में रेकी करने के लिए प्रयोग की गाड़ी भी बरामद हो चुकी है तथा अन्य कई रिकवरियां अभी आरोपियों से होनी है । आरोपियों को आज पुलिस अदालत में पेश करके आगामी 5 दिन रिमांड हासिल करने की तैयारी में जुटी है। आरोपियों की पहचान
मनप्रित सिंह(26) पुत्र वलविन्द्र सिंह निवासी गांव डगांम तह0 गढशंकर जिला होशियारपुर (पंजाब) दलविन्द्र सिंह(26) पुत्र गुरमैल सिंह निवासी गांव मंगूवाल तह0 व जिला नंवाशहर (पंजाब) के रूप में हुई है।
पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह ने बताया कि उक्त घटना अपने आप में ही एक बेहद चैलेंज भरा काम था क्योंकि आरोपियों का कोई भी सुराग किसी भी कैमरे या अन्य तरीके से मौजूद नहीं था लेकिन पुलिस ने बेहद अच्छे तरीके से काम करते हुए तीन दिन के भीतर इस घटना को सुलझाने में सफलता हासिल की है। इससे पहले भी पिछले दो वर्षों में हरोली पुलिस ने करीब 9 ऐसे मामले सुलझाए हैं जिनमें आरोपियों की पहचान कहीं से भी होना आसान काम नहीं था जिनमें से तीन मसलों में आरोपियों को सजा भी हो चुकी है। जिसमें एक घटना में हरोली से 7 लाख रुपए चुराने, एक घटना जिसमें एक स्नैचर आते जाते लोगों को निशाना बनाकर पहने हुए गहनों को छीना झपटी करके भागता था तथा एक घटना जिसमें पंजाब के कुछ आरोपियों ने पूबोबल के पास एक एयरटेल के टावर से कुछ बैटरियां चुराकर घटना को अंजाम दिया था।