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अमृतसर : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मुख्य कार्यालय तेजा सिंह सुमंदरी हॉल में आज अंतरिम कमेटी की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में एसजीपीसी के प्रधान के पद से हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे पर बड़ा फैसला लिया गया है। पंजाब के अमृतसर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी ने प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे को मंजूर नहीं किया है। कार्यकारिणी ने स्पष्ट किया कि जल्द ही प्रधान धामी के साथ बैठक की जाएगी और उन्हें फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा जाएगा। एसजीपीसी के कामकाज की समीक्षा के लिए जल्द ही कुछ दिनों में बैठक बुलाई जाएगी।
एसजीपीसी के मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मन्न ने एक्ट 1925 का हवाला देते हुए बताया कि संस्था श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने का फैसला ले सकती है। वे जल्द ही इस एक्ट को लेकर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से मिलेंगे। गौरतलब है कि तीन दिन पहले उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंप दिया था। धामी ने इस्तीफे के पीछे श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के पद को कारण बताया है। रघबीर सिंह ने 13 फरवरी को हरप्रीत सिंह को श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाए जाने के बाद पोस्ट शेयर की थी।
पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि ज्ञानी रघबीर सिंह की पोस्ट से साफ है कि वह उन्हें (हरप्रीत सिंह को) पद से हटाने का कारण बता रहे हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह को करीब 10 दिन पहले एसजीपीसी ने हटा दिया था। धामी ने इस्तीफे के समय कहा था कि जिस दिन ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने का फैसला लिया गया उस दिन 14 एग्जीक्यूटिव सदस्य साथ थे और डेढ़ घंटा बातचीत हुई। डेढ़ घंटा सभी को बोलने का समय दिया गया था। ताकि किसी के विचार रह ना जाएं, लेकिन प्रधान मुख होता है। इसलिए नैतिक तौर पर मैं इस पद से इस्तीफा देता हूं। गुरु साहिब कृपा करें।
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी सिखों की प्रबंधकीय संस्था है और श्री अकाल तख्त साहिब सिखों का सिरमौर (उच्च) तख्त है। शिरोमणि अकाली दल भी इस तख्त का संगठन है। हरप्रीत सिंह को पद से हटाने का कारण उचित नहीं पिछले दिनों जिस तरह की घटनाएं घटित हो रही हैं, मैं उन्हें हर पहलू से गंभीरता से देख रहा हूं। इन हालातों से मेरा मन अत्यंत दुखी है। तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पद से हटाने का कारण और तरीका बिल्कुल भी उचित नहीं है।
योजनाबद्ध तरीके से माहौल बनाया 2 दिसंबर 2024 को श्री अकाल तख्त साहिब से पंथक भावनाओं और परंपराओं के अनुरूप लिए गए फैसलों के बाद ही ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सिंह साहिबान के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से माहौल बनाया जा रहा है। सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ 18 साल पुराने पारिवारिक मामले को गलत रूप देकर मीडिया ट्रायल चलाया गया। इस संबंध में बतौर जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब, मैंने शिरोमणि कमेटी द्वारा जांच समिति गठित करने के समय भी कहा था कि यह सही नहीं है।
यदि किसी भी तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब के खिलाफ किसी प्रकार के आरोपों की जांच की आवश्यकता हो, तो यह केवल श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा ही कराई जा सकती है। तख्त साहिबानों के अस्तित्व को नुकसान पहुंचाने वाला कदम सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को फिर भी पद से सेवामुक्त करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह जत्थेदार साहिबान को अपमानित कर सेवामुक्त करना अत्यंत निंदनीय कृत्य है। एक बार फिर मैं अपने अंतःकरण से कहना चाहता हूं कि सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को सेवामुक्त करना अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है, जो कि तख्त साहिबानों की स्वतंत्रता और अस्तित्व को भी नुकसान पहुंचाने वाला कदम है।