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फाजिल्काः शगुन स्कीम को लेकर विधायक और तहसील भलाई अधिकारी के बीच विवाद सामने आया है। मामला तब शुरू हुआ जब गांव मुहार खीवा के महेंद्र कुमार नामक व्यक्ति को स्कीम का लाभ नहीं मिला और वह विधायक के पास पहुंचा। विधायक ने तहसील भलाई अधिकारी अशोक कुमार को फोन कर फटकार लगाई और कार्रवाई की चेतावनी दी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
जवाब में अशोक कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थिति स्पष्ट की। भलाई अधिकारी के अनुसार, जून 2024 में आई फाइल एक महीने के भीतर ही नियमों के तहत खारिज कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि शगुन स्कीम के लिए लाभार्थी की वार्षिक आय 32,790 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए, जबकि महेंद्र सिंह के दस्तावेजों में 90,000 रुपये की आय दर्शाई गई थी।
दूसरी ओर महेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने मूल फाइल में 30,000 रुपये वार्षिक आय दिखाई थी। उनका आरोप है कि बाद में विभाग ने औपचारिकता के लिए उनके बेटे से 90,000 रुपये की आय का प्रमाण पत्र मंगवाया। इस विवाद ने स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है।