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कोलकाताः पश्चिम बंगाल विधानसभा में चार विधायकों पर कार्रवाई हुई। दरअसल, आज विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी और 3 अन्य भाजपा विधायकों को स्पीकर बिमान बनर्जी ने निलंबित कर दिया। इन विधायकों पर आरोप है कि उन्होंने सदन में अभद्र व्यवहार किया। इन चारों विधायकों को सदन के वेल में आकर कामकाजी दस्तावेजों को फाड़ने और फेंकने के कारण निलंबित किया गया। निलंबित होने वाले विधायकों में सुवेंदु अधिकारी, अग्निमित्र पाल, बंकिम घोष और विश्वनाथ कारक शामिल हैं। ये सभी विधायक उस वक्त निलंबित किए गए जब भाजपा सदस्य एक स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए सदन में घुस गए थे।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब पाल ने राज्य में सरस्वती पूजा को लेकर पुलिस सुरक्षा में आयोजनों की चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव लाया, जिसे स्पीकर ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद, भाजपा विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट किया। भाजपा विधायकों के इस विरोध पर तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने कहा कि यह विरोध विधानसभा की कार्य संस्कृति के खिलाफ था और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
भाजपा विधायक अग्निमित्र पाल ने बाद में विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि राज्य में कुछ स्थानों पर पुलिस सुरक्षा के साथ सरस्वती पूजा आयोजित की जानी थी, जिसमें कोलकाता में एक लॉ कॉलेज भी शामिल था, और यह सब कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर हो रहा था।
पाल ने बताया कि भाजपा विधायकों ने वॉकआउट किया क्योंकि अध्यक्ष ने उनके द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने से मना कर दिया था। जब अध्यक्ष ने प्रस्ताव पढ़ने की अनुमति नहीं दी, तो भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए विरोध करने लगे और तख्तियां लेकर सदन में प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) चुनावी लाभ के लिए तुष्टिकरण कर रही है। गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में भाजपा ने राज्य में सरस्वती पूजा के आयोजन को लेकर एक स्थगन प्रस्ताव लाया था। भाजपा का कहना था कि राज्य के कुछ स्थानों पर डराने-धमकाने की घटनाएं हुई थीं, और इस पर चर्चा की मांग की गई थी।