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डिपोर्ट हुए नौजवान ने सुनाई दास्तांः18 दिन जेल में रखकर खाने में दिए कुरकुरे, उतारे कपड़े
मोगाः अमेरिका सरकार द्वारा लगातार भारतीयों को डिपोर्ट किया जा रहा है। अमेरिका विमान से अमृतसर पहुंचे कस्बा धर्मकोट के अधीन पड़ते गांव पड़री आरिया का जसविंदर सिंह भी इसमें शामिल था। जिसे धर्मकोट पुलिस घर लेकर आई। अमेरिका से डिपोर्ट होने के बाद घर पहुचा जसविंदर पहले तो एक दिन गुम सुन रहा। उसने किसी से कोई बात नहीं की और ना ही इस मामले को लेकर परिवार वालों ने कोई बात की।
लेकिन आज जब धर्मकोट के विधायक दविंदर जीत सिंह लाड़ी और चेयरमैन अमन पड़ौरी उसके घर पहुंचे तो परिवार कैमरे के सामने आया। परिवार ने इस मामले को लेकर ट्रैवल एजेंट के खिलाफ कारवाई करने की मांग की है। दूसरी ओर विधायक ने परिवार को इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया। जसविंदर ने बताया कि वह धर्मकोट में एक कपड़े की दुकान पर काम करता था। वह ट्रैवल एजेंट के चक्कर में आ गया। जिसने उसे अमरीका भेजने और वहां पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। इस दौरान ट्रैवल एजेंट से उसकी 45 लाख रुपए में बात तय हुई।
जसविंदर ने कहा कि हमने अपनी डेढ़ किले जमीन को बेच दिया था। वहीं मकान को गिरवी रख दिया था। जसविंदर ने बताया कि वह 25 जनवरी को दिल्ली से जहाज पर बैठकर गया, वहां से वह अलग-अलग देशों से होते हुए मेक्सिको पहुंचा। जिसके बाद मैक्सिकों से उसका डंकी का सफर शुरू हुआ। जसविंदर का कहना है कि डंकी के जरिए अमेरिका पहुंचने का के सफर के बारे में मुझे नहीं पता था। 27 जनवरी को बार्डर क्रॉस करवाया गया और बार्डर क्रॉस करते ही अमेरिका पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और कैंप में बंद कर दिया। पीड़ित ने अपनी दर्द भरी दास्तां सुनाते हुए 18 दिन तक हम पर जो जुलम हुए वह बताना बहुत मुश्किल है। पीड़ित ने कहा कि 18 दिन बंद जेल में उसे खाने के लिए कुरकुरे दिए गए। इस दौरान उसके कपड़े भी उतार दिए गए थे। परिवार ने दास्तां सुनाते हुए कहा कि 45 लाख रुपए इक्कठे करके घर के हालत सुधारने के लिए बेटे को अमेरिका भेजा था।