
जालंधर, ENS: अमेरिका से भारी संख्या में डिपोर्ट हो रहे भारतीयों यात्रियों को लेकर ट्रैवल एजेंट लगातार विवादों में घिर रहे है। वहीं अब Northern Immigration दफ्तर के बाहर हंगामा होने की घटना सामने आई है। मिली जानकारी के अनुसार लक्ष्मीपुरा के व्यक्ति ने इमिग्रेशन दफ्तर के संचालकों पर गंभीर आरोप लगाए है। पीड़ित करण ने कहा कि वह मार्च और अप्रैल में वह इमिग्रेशन दफ्तर में पहुंचा, जहां 10 लाख रुपए नगद अदा किए थे, जोकि लैटर में भी इमिग्रेशन द्वारा लिखा हुआ है। मामले की जानकारी देते हुए करण रत्री ने कहा कि उसने यूके के लिए फाइल इस दफ्तर से लगवाई थी। जिसमें दफ्तर के कर्मियों द्वारा 24 से 25 लाख रुपए काम करवाने का आश्वासन दिया गया था, जिसमें 5 साल का वर्क परमिट था।
करण ने आरोप लगाए कि इमिग्रेशन द्वारा एक लैटर दी गई, जो काट कर दी थी। इस दौरान कहा गया कि यह लीक ना हो जाए इसलिए काटकर दी है। आरोप है कि जब कोस लैटर की जांच की गई तो पता चला कि यूके में इस नाम की कोई कंपनी ही नहीं है। करण ने कहा कि इमिग्रेशन का विज्ञापन देखकर संचालक लवप्रीत से मिले थे। लवप्रीत ने एक महीने में काम होने का आश्वासन दिया गया। पीड़ित ने कहा कि हमें एबेंसी बुला गया जहां लेट होने पर साढ़े 12 हजार का जुर्माना अदा करना पड़ा। लेकिन दस्तावेज सारे इमिग्रेशन द्वारा अपने पास रख लिए गए। जिसके बाद वह इमिग्रेशन दफ्तर पहुंचा तो उसे कहा कि अभी वीजा नहीं लगा।
क्योंकि फाइल में कोई मिस्टेक आई है, जिसके चलते फाइल वापिस मंगवा ली गई है और एडवोकेट के जरिए पील लगाई गई। पील आने के बाद ही वीजा लगेगा। करण ने आरोप लगाए है कि इमिग्रेशन दफ्तर के संचालक ने पील में लेट होने की वजह में यह लिखा कि उनका क्लाइंट बीमार हो गया है जिसके चलते वीजा वापिस मंगवाया गया, जबकि करण के अनुसार उसे कुछ नहीं हुआ था। इस मामले के बाद उसकी वीजा रिफ्यूज हो गया। अब इमिग्रेशन द्वारा कहा जा रहा है कि उन्होंने जिस व्यक्ति के द्वारा वीजा लगवाया था उसकी मौत हो गई। करण के अनुसार जब उसने इमिग्रेशन संचालक लवप्रीत से कहा कि उसने पैसे आपको दिए थे तो कहा गया कि वह धीरे-धीरे करके पैसे लौटाएंगे, क्योंकि उक्त व्यक्ति ने कई लोगों के पैसे देने थे।
पीड़ित का कहना है कि लवप्रीत संगरसोल का रहने वाला है और वह वहां का सरपंच है। करण के अनुसार अब उसने इमिग्रेशन दफ्तर के संचालक से 8.26 लाख रुपए लेने है, जिसको लेकर वह लगातार दफ्तर के चक्कर काट रहा है। करण ने कहा कि जब उसे दफ्तर खुलने का पता चला तो वह दफ्तर पहुंचा तो लवप्रीत दफ्तर बंद करके यहां से जा चुका था। करण ने कहा कि जब उसने लवप्रीत से बात की तो उन्होंने कहा कि वह शादी में आए हुए है, जिसके बाद उल्टा उस पर इमिग्रेशन संचालक द्वारा मानहानी का पर्चा दर्ज करवा दिया गया। करण ने आरोप लगाए है कि इमिग्रेशन द्वारा कहा जा रहा है कि उसने पैसे लेने है। पीड़ित ने भी इस मामले को लेकर डीएसपी को शिकायत दी, जिसके बाद एसीपी बलजिंदर सिंह ने दोनों पार्टियों को मौके पर बुलाया, जहां पर एजेंट ने पैसे देने से मना कर दिया। पीड़ित ने आज बंद पड़े इमिग्रेशन दफ्तर के बाहर प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाई है।