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मोहालीः पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को एक बार फिर से एक साल होने वाला है। किसानों की 14 फरवरी को केंद्र सरकार से चंडीगढ़ में मीटिंग होनी है। मीटिंग से पहले किसान शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। इसको लेकर पंजाब में आज 11 फरवरी से तीन महापंचायतें की जाएंगी। किसानों की पहली महापंचायत रतनपुर बॉर्डर पर होगी। दूसरी तरफ किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन 78वें दिन में दाखिल हो गया है। उन्होंने 7 दिन बाद डॉक्टरी सहायता लेनी शुरू कर दी है। मंगलवार काे किसान बठिंडा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करन वाले हैं। इसमें कुछ नए फैसले हो सकते हैं।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि पिछले 7 दिन से जगजीत सिंह डल्लेवाल की मेडिकल सहायता बंद थी। इसकी वजह यह थी कि जब भी उनको ड्रिप लगाई जाती थी। नस 48 से 72 घंटे में ब्लॉक हो जा रही थी। 20 से 22 दिन उन्हें मेडिकल सहायता दी जा रही थी। वहीं, उनके दोनों हाथों की नसें ब्लॉक हो गई थी। कोई नस नहीं मिल रही थी। हालांकि सीनियर डॉक्टरों की टीमें मौजूद थी। रात सवा 6 बजे उनकी मेडिकल सहायता शुरू हुई है। वह शारीरिक रूप से कमजोर हैं, लेकिन अंदर से मजबूत है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार से होने वाली मीटिंग में किसान मजबूती से पक्ष रखेंगे।
पंजाब में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जब राज्य में चरणजीत सिंह चन्नी की अगुआई में कांग्रेस की सरकार थी। उस समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब दौरे पर आए थे। फिरोजपुर में उनकी सुरक्षा में चूक हुई थी। उस समय यह मामला राजनीतिक रंग ले गया था। पुलिस के कई सीनियर अधिकारियों पर गाज गिरी थी। मामला अदालत तक गया था। वहीं, इस मामले में अब दो साल बाद किसानों पर केस दर्ज किए गए हैं। इसी के विरोध में आज संयुक्त किसान गैर राजनीतिक में शामिल संस्था भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी द्वारा फिरोजपुर के एसएसपी दफ्तर का घेराव करने का फैसला लिया है। सुबह 10 बजे किसान वहां पहुंचेंगे। किसानों का आरोप है कि पीएम के करीब किसान नहीं पहुंचे थे। भाजपा कार्यकर्ता ही वहां पर जुटे हुए थे। झूठे पर्चे किसानों पर दर्ज किए गए हैं।