नंगल सालंगढ़ी,लोअर वसाल, बटूही की टीमें पहुंची क्वार्ट फाइनल, सेमीफाइनल के लिए होगी अब भिंडत
ऊना/ सुशील पंडित: कुटलैहड़ सांसद खेल महाकुंभ के अंतर्गत क्रिकेट प्रतियोगिता में तीन रोमांचक मुकाबले खेले गए, जिनमें नंगल सालंगढ़ी ने पनोह टीम को 18 रनों से मात दी। बही लोअर वसाल ने कुरियाला को हराया। बही बटूही ने सौंधी 11 को बीस रनों से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। विजयी टीमों ने क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है। खेल महाकुंभ के प्रभारी राजेंद्र रिंकू ने जानकारी देते हुए बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करना और उनकी प्रतिभा को निखारने का अवसर देना है।
क्रिकेट प्रतियोगिता में तीन मैच खेले गए, जिनमें खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। राजेंद्र रिंकू ने बताया कि कुटलैहड़ सांसद खेल महाकुंभ में युवाओं की भारी भागीदारी देखने को मिल रही है। क्रिकेट, कबड्डी, वॉलीबॉल, सहित विभिन्न खेलों में युवा खिलाड़ियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन क्षेत्रीय स्तर पर खेल प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए बेहतरीन मंच प्रदान करता है। सांसद खेल महाकुंभ का उद्देश्य न केवल खेल प्रतिभाओं को सामने लाना है, बल्कि युवाओं को नशे जैसी कुरीतियों से दूर रखना भी है। खेलों के माध्यम से उन्हें अनुशासन, टीम वर्क और आत्मनिर्भरता की सीख मिलती है। इस आयोजन से चयनित प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भविष्य में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अवसर भी मिल सकता है। रिंकू ने बताया कि क्रिकेट मैचों के दौरान खिलाड़ियों में जबरदस्त जोश देखा गया, वहीं दर्शकों ने भी बड़े उत्साह से खेलों का आनंद लिया।
आयोजन स्थल पर खेल प्रेमियों की अच्छी खासी भीड़ जुटी रही, जिससे खेल महाकुंभ का माहौल और भी जोशपूर्ण बन गया। आयोजकों ने बताया कि अगले दौर के मुकाबले और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और रोमांचक होंगे। अब क्वार्टर फाइनल मुकाबलों की तैयारियां जोरों पर हैं। अगले कुछ दिनों में सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले भी आयोजित किए जाएंगे, जिनमें विजयी टीमों को सम्मानित किया जाएगा। खेल महाकुंभ के आयोजकों ने सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी हैं और दर्शकों से अपील की है कि वे इसी तरह खेलों को समर्थन देते रहें। कुल मिलाकर, कुटलैहड़ सांसद खेल महाकुंभ का यह आयोजन क्षेत्र में खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। इससे न केवल खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिल रहा है, बल्कि क्षेत्र में खेल संस्कृति को भी मजबूती मिल रही है।