बठिंडाः शहर में तेजी से आवारा कुत्तों की बढ़ रही संख्या ने अपना आतंक मचा रखा है। आए दिन शहर में आवारा कुत्तों द्वारा आम राहगीरों को काटने के मामले सामने आ रहे है। कुत्तों के काटने पर अधिकतर लोग सिविल अस्पताल में जाकर उपचार करवाते है। वहीं अस्पताल में कुत्तों के काटने के लगभग 3 वर्षों में 1231 केस आ चुके हैं। डॉक्टरों के अनुसार 3 वर्षों में 1231 लोगों को एंटी रैबीज टीका लगाया जा चुका है। वहीं सिविल अस्पताल में टीकों के स्टाक की बात करें तो अस्पताल में 600 एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध है।
डॉ कुलविंदर सिंह द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में कुत्तों के काटने के कुल 157 केस आए थे, जबकि वर्ष 2022 में 303 केस आए थे। हैरानी की बात यह है कि वर्ष 2023 में इसमें काफी बढ़ौतरी हो गई। वर्ष 2023 के आंकड़ों की बात करें तो कुल 881 केस आए है। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत आवारा कुत्तों के केस सामने आ रहे है। हालांकि कुछ ही प्रतिशत पालतू कुत्तों के केस सामने आ रहे है।
आवारा कुत्तों का कहर इस कदर जारी है कि घरों से बच्चों सहित बुजुर्गों का निकलना मुश्किल हो गया है। लोगों का कहना है कि बच्चों को गली में खेलने के दौरान कुत्तों द्वारा काटने की घटनाए सामने आ रही है। वहीं एक लड़की भी कुत्ते का शिकार हो गई। मामले की जानकारी देते हुए पीड़ित सोनी कुमारी ने कहा कि वह पढ़ने के लिए जा रही थी इस दौरान आवारा कुत्ते ने पैर हमला कर दिया। जिसके बाद वह उपचार करवाने के लिए सिविल अस्पताल में पहुंची।