छठ पूजा का पहला प्रसाद: छठ पूजा, एक प्रमुख हिन्दू पर्व है जो विशेष रूप से उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देवता और उनके परिवार की पूजा का समय है, जिसमें विशेष रूप से व्रति (व्रति रखनेवाले) कठिन तपस्विता के साथ सूर्यदेवता की आराधना करते हैं। इस दिन का सबसे पहला प्रसाद, जिसे व्रति और उनके परिवारजन सूर्य देव को अर्पित करते हैं, वह है ‘ठेकुआ’। यह एक पारंपरिक बिहारिया मिठाई है, जिसे विशेष रूप से छठ पूजा के दौरान बनाया जाता है।
ठेकुआ एक प्रकार का कुरकुरा और मीठा पकवान होता है, जो आटे, गुड़ और घी से तैयार किया जाता है। इसे विशेष रूप से घर के प्रत्येक सदस्य के लिए बनाकर पूजा स्थल पर अर्पित किया जाता है। इसे बनाने का तरीका सरल है, और इसके स्वाद का कोई मुकाबला नहीं।
ठेकुआ बनाने की विधि:
सामग्री:
- गेहूं का आटा – 2 कप
- गुड़ (कद्दूकस किया हुआ) – 1 कप
- घी – 3 टेबल स्पून
- सौंफ – 1 छोटा चम्मच
- तिल – 1 छोटा चम्मच
- पानी – आवश्यकता अनुसार
- चुटकी भर नमक
- घी (तलने के लिए)
विधि:
- आटा गूंधना: सबसे पहले, एक बर्तन में गेहूं का आटा लें। उसमें कद्दूकस किया हुआ गुड़, सौंफ, तिल और नमक डालें। अब इसमें घी डालकर अच्छे से मिला लें। फिर, थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए इस मिश्रण को सख्त आटे की तरह गूंध लें।
- ठेकुआ का आकार देना: तैयार आटे को थोड़ा-थोड़ा लेकर, उंगलियों से दबाकर चपटा कर लें। फिर इसे बेलन से बेल लें। बेलने के बाद, आप इसे छोटे-छोटे आकार में काट सकते हैं या मनपसंद आकार का बना सकते हैं।
- तलना: एक कढ़ाई में घी गर्म करें और तैयार किए गए ठेकुआ को मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक तलें। ठेकुआ को अच्छे से तलने के बाद, कढ़ाई से निकालकर ताजे कपड़े पर रखें, ताकि अतिरिक्त घी सोख लिया जाए।
- ठंडा कर परोसें: ठेकुआ को ठंडा होने के बाद पूजा में अर्पित किया जाता है। इसे खासकर चाय या दूध के साथ भी खाया जा सकता है।
ठेकुआ का महत्व: ठेकुआ छठ पूजा का एक अहम हिस्सा है, क्योंकि इसे सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। यह प्रसाद व्रति की कठिन तपस्या और उनकी श्रद्धा को दर्शाता है। साथ ही, यह मीठा और स्वादिष्ट पकवान सभी श्रद्धालुओं के बीच सामूहिकता और आत्मिक शांति का प्रतीक बनता है।
सुझाव: ठेकुआ बनाने में अगर गुड़ की जगह चीनी का उपयोग किया जाए तो वह भी ठीक है, लेकिन पारंपरिक रूप से इसे गुड़ से बनाया जाता है, क्योंकि गुड़ का स्वाद और उसकी तासीर दोनों ही पूजा के उद्देश्य के अनुसार उपयुक्त मानी जाती हैं।
निष्कर्ष: छठ पूजा का पहला प्रसाद ठेकुआ न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह पूजा के महत्व को भी बढ़ाता है। इसे बनाने में सरलता और सामग्री की उपलब्धता के बावजूद इसका स्वाद सभी को आकर्षित करता है। इस पर्व के दौरान यह प्रसाद धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है और पूरे परिवार में खुशी का संचार करता है।