
नई दिल्लीः देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए भले ही इन दिनों पूरा देश लॉकडाउन कर दिया गया हो, लेकिन तबलीगी जमात से जुड़े लोगों के चलते कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में 14 तारीख के बाद भी लॉकडाउन खुलने का आसार कम दिखाई दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यह संकेत दिए थे कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत लंबी चलनी है।
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सूत्रों की माने तो सरकार सरकार इस पर भी विचार कर रही है कि लॉकडाउन सिर्फ Covid-19 हॉटस्पॉट वाले इलाकों पर ही बढ़ाया जाए, पूरे देश के लिए नहीं। हेल्थ मिनिस्टर ने देश भर में कम से कम 20 वायरस हॉटस्पॉट की पहचान की है जबकि 22 संभावित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस मसले पर चर्चा कर चुके हैं। उन्होंने मंत्रियों से कहा कि लॉकडाउन से धीरे-धीरे बाहर निकलने और घातक महामारी के आर्थिक प्रभाव पर लगाम लगाने के लिए योजनाएं बनाएं।
दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने की योजनाएं भी बनाई जाएं। सरकार का आकलन है कि लॉकडाउन की वजह से कोरोना वायरस को कंट्रोल करने में बहुत मदद मिली है, लेकिन इसकी वजह से लोगों और अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंच रही है। यानी की अगर लॉकडाउन को 30 दिनों तक खींचा जाता है तो लगभग 250 बिलियन डॉलर का नुकसान देश को होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 21 दिन के लॉकडाउन से बाहर आना उतना ही कठिन है, जितना कि इसे लागू करना था। इन सबके बावजूद सरकार के कामकाज को अब शुरू करना ही होगा। उनहोंने कहा कि अभी आइडिया सिर्फ यही है कि कैसे भी इकोनॉमी को स्टार्ट किया जाए। ऐसे में इन प्रोजेक्ट के जरिए उन इलाकों में काम शुरू किया जा सकता है, जहां पर अभी तक कोविड-19 का संक्रमण नहीं है। इससे रोजगार पैदा होगा और गरीबों के हाथ में पैसे आएंगे। सूत्रों के अनुसार सरकार का प्लान ये है कि लॉकडाउन अलग-अलग फेज में हटाया जाए। वहीं देश के जिन इलाको में कोरोना वायरस के केस सामने आए हैं और भविष्य में वहां कोरोना के फैलने की आशंका है तो वहां लॉकडाउन जारी रखा जाएगा। सरकार इस बात की योजना बना रही है कि लॉकडाउन हटाए जाने की स्थिति में भी धारा 144 को लागू रखा जाए ताकि भीड़ के जमा होने पर लगाम लग सके और कोरोना के फैलने का खतरा लॉकडाउन के बाद भी न बढ़े।