
पंजाब,(अमृतसर): सुल्तानविंड रोड पर स्थित सूखा तालाब प्राचीन मंदिर का विवाद एक बार फिर सामने आया। बागला ट्रस्ट ने 1978 में इस मंदिर की देखभाल शुरू की थी। लेकिन 2005 में बगला ट्रस के प्रमुखों और बुजुर्गों द्वारा बलविंदर सिंह बिल्ला नाम के एक युवक को मंदिर का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। लेकिन अब बागला ट्रस्ट बलविंदर सिंह उर्फ बिल्ला पर मंदिर पर कब्जा करने का आरोप लगा रहा है।
वहीं बगला ट्रस्ट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 1978 में इस ट्रस्ट की देखरेख उनके बुजुर्गों ने शुरू की थी। लेकिन 2005 में जब बलविंदर सिंह बिल्ला जो कि एक अमृतधारी गुरसिख है, उन्हें प्रधान बनाया गया और सबसे पहले बलविंदर सिंह बिल्ला ने मंदिर कमेटी से 3 लाख रुपए निकाल लिए, जिसके बारे में उसने मंदिर को कोई जानकारी नही दी। ट्रस्ट ने बलविंदर सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह मंदिर में कब्जा करने की कोशिश कर रहा है।
इस संबंध में उन्होंने कई बार पुलिस से भी शिकायत की है, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने बलविंदर सिंह बिल्ला पर भी आरोप लगाया कि बिल्ला ने मंदिर की मूर्तियां भी खंडित की है। वहीं जब इस बारे में बलविंदर सिंह बिल्ला से बात की तो उन्होंने बताया कि मैं 2005 से इस मंदिर का प्रधान हूं और मैंने किसी भी तरह से मंदिर पर कब्जा करने की कोशिश नहीं की है। बादला ट्रस्ट ने जो मेरे पर आरोप लगाए, वह सारे आरोप झूठे है।