
हैदराबाद/वॉशिंगटन: अमेरिका में 20 जनवरी को एक दर्दनाक गोलीबारी की घटना ने भारतीय समुदाय को फिर से झकझोर कर रख दिया। हैदराबाद के रहने वाले 26 वर्षीय रवि तेजा, जो नौकरी की तलाश में अमेरिका गए थे, बदमाशों की गोली का शिकार हो गए। इस घटना ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पहले एक बार फिर देश में बंदूक हिंसा की समस्या पर ध्यान आकर्षित किया है।
रवि तेजा, चैतन्यपुरी स्थित आरके पुरम ग्रीन हिल्स कॉलोनी के निवासी थे। उन्होंने मार्च 2022 में अमेरिका का रुख किया था और हाल ही में अपनी मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की थी। फिलहाल वह वहां रोजगार की तलाश में थे। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, स्थानीय पुलिस इस हमले के पीछे के मकसद की जांच कर रही है और अपराधियों की पहचान में जुटी हुई है।
घटना से शोकाकुल रवि के पिता के. चंद्रमौलि ने कहा, “मैं इस समय कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं। किसी भी पिता को अपने बेटे को इस तरह खोने का दुख सहना न पड़े। मेरा बेटा वहां एक भविष्य बनाने गया था और अब वह ताबूत में लौट रहा है।”
अमेरिका में भारतीय छात्रों पर हमले और गोलीबारी की घटनाएं बीते कुछ वर्षों में बढ़ी हैं। नवंबर 2024 में तेलंगाना के खम्मम जिले के एक युवक की शिकागो में एक गैस स्टेशन के बाहर बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी तरह, 2020 में हैदराबाद के मोहम्मद मुजीबुद्दीन को शिकागो में एस मिशिगन एवेन्यू पर गोली मार दी गई थी। ये घटनाएं भारतीय छात्रों और उनके परिवारों के लिए गहरी चिंता का विषय बन चुकी हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका में भारतीय छात्रों और पेशेवरों की संख्या तेजी से बढ़ी है। हालांकि, बंदूक हिंसा और नस्लीय हमलों की घटनाओं ने उनकी सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन घटनाओं से प्रभावित परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं और भारतीय सरकार से हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं।
अमेरिकी पुलिस और प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि अपराधियों को जल्द ही पकड़ा जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। भारतीय समुदाय भी इस घटना पर आक्रोश व्यक्त कर रहा है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग कर रहा है।