नई दिल्ली : इस साल हर कोई दिवाली की तारीख को लेकर कंफ्यूज है। कोई 31 अक्टूबर को दिवाली मना रहा है, तो कोई 1 नवंबर को। पंचांग के हिसाब से दिवाली की तारीख तय होती है। देश के अलग-अलग हिस्सों में कई पंचांग अलग-अलग ज्योतिषाचार्यों द्वारा प्रकाशित किए गए है। लेकिन इन सब में उत्तराखंड का पंचांग अलग है। यह पंचांग उत्तराखंड के कुमाऊं में मुख्य रूप से प्रयोग में लाया जाता है। आइए जानते हैं इस पंचांग के हिसाब से दिवाली की तारीख।
31 October या 1 November आखिर कब है दिवाली? जानने के लिए पढ़ें
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नैनीताल जिले के भवाली निवासी ज्योतिषाचार्य ने बताया कि जिस प्रकार भारत और अमेरिका के समय में अंतर है। ठीक उसी प्रकार भारत का इंडियन स्टैंडर्ड टाइम जोन भले ही सभी जगह बराबर है। लेकिन सूर्योदय का समय अलग-अलग है और पंचांग की गणना सूर्योदय की तिथि से ही की जाती है, जहां एक सेकंड का भी अंतर पड़ता है। यही वजह है कि भारत में अलग-अलग जगह से निकाले गए पंचांग उस जगह को केंद्र मानकर निकाले जाते है। पंडित ने बताया कि अमावस्या 31 अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 40 मिनट से लग रही है, जो इस दिन रात में तो रहेगी। 31 अक्टूबर को प्रदोष काल व अर्धरात्रि दोनों में अमावस्या के चलते दीपावली इसी दिन मनाना उचित है।
काशी के पंडितों के मुताबिक, दिवाली 31 अक्टूबर को मनाना ही फलदायी रहेगा। साथ ही वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर, नाथद्वारा श्रीनाथजी मंदिर, तिरुपति देवस्थानम और द्वारकाधीश में भी दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। उज्जैन के ज्योतिर्विदों के अनुसार, 31 अक्टूबर को अमावस्या प्रदोष काल में ही मनाना सही रहेगा।
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