
धर्मः आज धनतेरस के अवसर पर देशभर में लोग सोना, चांदी, आभूषण, गाड़ी, बर्तन आदि की खरीदारी करेंगे। धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाते हैं। धनतेरस को शाम के समय में यानी प्रदोष काल में माता लक्ष्मी, धनपति कुबेर, भगवान धन्वंतरि और गणेश जी की पूजा करते हैं। धनतेरस की पूजा करने से सालभर धन, संपत्ति में वृद्धि होती है। आज धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग बना है, इसमें किए गए शुभ कार्य के फल तीन गुना प्राप्त होते हैं। धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहते हैं।
धनतेरस का शुभ मुहूर्तः कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ आज सुबह 10:31 बजे से शुरू हो गया है जो कल बुधवार दोपहर 1:15 बजे पर समापन होगी।
धनतेरस पूजा मुहूर्त: आज, शाम 6 बजकर 31 मिनट से रात 8 बजकर 13 मिनट तक।
प्रदोष काल: आज शाम 05:38 बजे से रात 08:13 बजे तक।
वृषभ काल: आज शाम 06:31 बजे से रात 08:27 बजे तक।
धनतेरस 2024 सोना खरीदने का शुभ समयः आज सुबह 10 बजकर 31 मिनट से कल सुबह 6 बजकर 32 मिनट के बीच।
धनतेरस पूजा की सामग्रीः माता लक्ष्मी, कुबेर की नई मूर्ति, कुबेर यंत्र, लकड़ी की एक चौकी, अक्षत्, हल्दी, रोली, सिंदूर, गंगाजल, शक्कर, शुद्ध घी, सुपारी, पान का पत्ता, नए वस्त्र, माला, कमलगट्टा, कमल और लाल गुलाब, रक्षासूत्र, इत्र, कुश का आसन, पंच पल्लव, धूप, गंध, दूर्वा, कुश, पंच मेवा, यज्ञोपवीत, इलायची, लौंग, दूध, दही, शहद, फल, गुलाल, कपूर, रुई की बत्ती, दीपक, नैवेद्य, मिठाई, चांदी और सोने का सिक्का, नारियल, नया बहीखाता, साबुत धनिया, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य आदि।
धनतेरस 2024 पूजा विधिः धनतेरस की शाम को स्नान आदि से निवृत होकर शुभ मुहूर्त में पूजा की तैयारी करें। मुहूर्त प्रारंभ होने पर चौकी पर नए वस्त्र बिछाकर माता लक्ष्मी, गणेशजी और कुबेर जी की स्थापना करें। सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें। उसके बाद माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा करें। गणेश जी को अक्षत्, हल्दी, सिंदूर, दूर्वा, चंदन, धूप, दीप, मोदक, लड्डू, फल, लाल फूल आदि अर्पित करके पूजन करें। समापन के समय क्षमा प्रार्थना करते गणेश जी, कुबेर जी और माता लक्ष्मी से जीवन में शुभता, सुख, समृद्धि, धन, संपत्ति आदि की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद लें।