फगवाड़ा। पंजाब में आज मंडियों से धान की उठान ठीक से न होने और डीएपी की कमी के मुद्दे को लेकर चल रहे संघर्ष को लेकर पंजाब सरकार ने किसानों के साथ बैठक की। इस मीटिंग में खाद्य आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह शामिल थे। मंत्री ने इस बैठक में किसानों को बताया कि एक-दो दिन में धान का उठान रफ्तार पकड़ेगा, जिसके चलते किसानों को आगे परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। फगवाड़ा में तीन घंटे हुई मीटिंग के बाद किसानों ने तय किया है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा, लेकिन वह सड़कों से जाम हटा देंगे। इसी के चलते किसान सभी 5 हाईवे से अपना धरना हटाने का तैयार हो गए हैं, लेकिन हाईवे किनारे अपना धरना जारी रखेंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो वह दोबारा हाईवे जाम कर देंगे।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमने यह फैसला लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया है। लेकिन हम सारी स्थिति पर नजर रखेंगे। अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो संघर्ष के बारे में फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि थोड़ी देर में हाईवे से जाम पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। सरकार ने माना है कि आज तक 19 लाख मीट्रिक टन धान की लिफ्टिंग हुई है। 49 लाख टन धान आज मंडियों में पहुंच चुका है। इस तरह अब 30 लाख टन धान मंडियों में पड़ा है, जिसके कारण मंडियां धान से फुल हो रखी है।
सरकार ने फैसला किया है कि इस कट की भरपाई आढ़तियों से करवाई जाएगी। न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुख्य मंडी बोर्ड ने कहा कि 140 लाख मीट्रिक टन धान के लिए 3850 शैलरों के साथ समझौता किया गया है और जिनमें से 2900 चालू हैं। नेताओं ने मांग की कि समझौते को सार्वजनिक किया जाए, जिस पर सरकार सहमत हो गई है।
किसानों ने बताया कि सरकार ने बताया शैलर मालिकों का मामला सुलझ गया है। वहीं, मंत्रियों ने कहा कि सरकार किसानों के साथ है। किसानों द्वारा फगवाड़ा, मोगा-फिरोजपुर हाईवे, संगरूर-बरनाला हाईवे और गुरदासपुर-श्री हरगोबिंदपुर में एनएच पर शुगर मिल के सामने धरने पर बैठे थे। यह मीटिंग करीब दो घंटे तक चली।