लुधियानाः पंजाब आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन द्वारा केंद्रिय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की कोठी के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने कहा कि 2 अक्टूबर 1975 को केंद्र सरकार द्वारा कुपोषण को मिटाने और देश के भविष्य को मजबूत करने के लिए आंगनवाड़ी योजना शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर अब 50 साल हो गए हैं लेकिन इस योजना के तहत काम करने वाली महिलाओं का लगातार शोषण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उन्हें केवल 4500 रुपये भत्ता दिया जाता है और यह योजना महिला एवं बाल विकास के अंतर्गत आती है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा केवल इस योजना के तहत काम करने वाली महिलाओं का ही शोषण किया जा रहा है, इसलिए वे आज रवनीत सिंह बिट्टू के घर के बाहर धरना दिया जा रहा हैं और मांग की जा रही है कि जो उनके साथ शोषण किया जा रहा है उसे बंद किया जाए।
इस दौरान उन्होंने मांग की है कि उनका वेतन में बढ़ौतरी की जाए। उन्होंने कहा कि कई महिलाएं 50 साल से इस योजना में सेवा दे रही हैं, लेकिन न तो केंद्र और न ही पंजाब सरकार ने इस पर ध्यान दिया। उन्होंने कहाकि आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया है और जो खाना सरकारी संस्थानों से आता था उसे निजी एजेंसियों को दे दिया गया।
उन्होंने कहा कि न तो केंद्र और न ही सरकार उनकी बात सुन रही है, जिसे लेकर एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस दौरान आगंनवाड़ी यूनियन ने केंद्र से साथ-साथ पंजाब सरकार पर भी जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य सरकार की ओर से दी जा रही घटिया खाने-पीने की सामग्री के कारण लोग उनके पास विरोध करने के लिए आ रहे है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे।