अमृतसर : सांसद गुरजीत सिंह औजला के लगातार प्रयासों को आज उस समय सफलता मिली जब अमृतसर के श्री गुरु रामदास हवाई अड्डे से आभूषण निर्यात करने की अनुमति मिल गई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने आज इस संबंध में जानकारी दी है। सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि उनके प्रयासों से अमृतसर प्रगति कर रहा है। सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि उन्हें कारोबारियों की ओर से लगातार अनुरोध मिल रहा था कि अमृतसर एयरपोर्ट से सोने और चांदी के आभूषणों के निर्यात का काम शुरू किया जाए। जिसके बाद उन्होंने इस मामले पर गंभीरता से काम करना शुरू कर दिया।
इस संबंध में उन्होंने पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को ईमेल लिखा और फिर अक्टूबर महीने में पत्र लिखकर सारी जानकारी दी। उस पत्र में उन्होंने बताया था कि कैसे इस कदम से अमृतसर के कारोबार को बड़ी उछाल मिलेगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वर्णकार संघ 1 पंजाब की ओर से एक मांग पत्र भी भेजा था। जो अमृतसर में सोने और चांदी के आभूषणों के 1,500 व्यापारियों और निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि अमृतसर आभूषण निर्माण का एक प्रमुख केंद्र है और एसोसिएशन के 200 से अधिक सदस्य निर्यातक हैं।
हालाँकि श्री गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर निर्यात सुविधाओं की कमी के कारण, उन्हें दिल्ली या मुंबई के बंदरगाहों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप परिवहन लागत, समय में देरी, जोखिम और अतिरिक्त लागत बढ़ जाती है। अमृतसर हवाई अड्डे से सोने, चांदी के आभूषण और संबंधित वस्तुओं के निर्यात की अनुमति देने से लागत और आवाजाही के समय कम लगेगा। उच्च मूल्य वाली वस्तुओं के परिवहन के जोखिम को कम किया जा सकता है। स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इससे हमारे व्यापारियों को बहुत लाभ होगा और स्थानीय निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा।
सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि इस मामले को लेकर केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री जतिन प्रसाद से मुलाकात की और उन्हें स्थिति से अवगत कराया। जिसके बाद आज उन्हें पत्र मिला। पत्र के अनुसार निदेशालय ने 13-11-2004 को एक सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से अमृतसर हवाई अड्डे को निर्यात का बंदरगाह घोषित किया है। सांसद औजला ने इसके लिए मंत्री जितिन प्रसाद को भी धन्यवाद दिया और लोगों को आश्वासन दिया कि कांग्रेस और उसका हर नेता लोगों के लिए बच्चनबद्ध है। वे स्वयं भी श्री अमृतसर को ऊंचाइयों पर ले जाने का सपना देखते हैं और इसे हासिल करने के लिए यत्नशील है।