चंडीगढ़, 30 अक्टूबर 2024: विश्व स्ट्रोक दिवस के अवसर पर, पंजाब सरकार ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए स्ट्रोक मरीजों के लिए उन्नत चिकित्सा सेवा शुरू की है। पंजाब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने मंगलवार को यह घोषणा की कि पंजाब अब देश का पहला राज्य बन गया है, जहां स्ट्रोक मरीजों को मुफ्त मेकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी सुविधा दी जाएगी। इस पहल को लागू करने के लिए पंजाब सरकार ने क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) लुधियाना और मेडट्रोनिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक विशेष साझेदारी की है।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि इस सार्वजनिक-निजी भागीदारी का उद्देश्य राज्य में स्ट्रोक मामलों में वृद्धि पर नियंत्रण पाना है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में यह कदम पंजाब सरकार की मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। “इस साझेदारी के जरिए हम पंजाब में स्ट्रोक संबंधी मौतों और विकलांगता को कम करने के लिए तत्पर हैं। यह पहल स्ट्रोक प्रबंधन में नया मानक स्थापित करेगी,” उन्होंने कहा।
पंजाब सरकार द्वारा पेश किया गया यह स्ट्रोक केयर मॉडल ‘हब एंड स्पोक’ सिस्टम पर आधारित है, जिसमें सीएमसी लुधियाना मुख्य केंद्र या हब के रूप में काम करेगा, जहां उन्नत स्ट्रोक उपचार दिया जाएगा। इसके साथ ही, राज्य के अन्य सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज स्पोक केंद्र के रूप में कार्य करेंगे। ये केंद्र मरीजों को तुरंत उपचार और स्थिरीकरण देंगे और बाद में उन्हें सीएमसी लुधियाना भेजा जाएगा, जहां उन्नत चिकित्सा जैसे मेकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी उपलब्ध होगी।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि यह पहल प्रदेश के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी। “स्ट्रोक का इलाज आम जनता के लिए मुफ्त होगा, जिससे गरीब परिवारों को भारी चिकित्सा खर्च से बचाया जा सकेगा। इस मुफ्त इलाज का अनुमानित खर्च लगभग 6 लाख रुपये है।”
सीएमसी लुधियाना के प्रिंसिपल और वर्ल्ड स्ट्रोक ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष, डॉ. जेयराज डी. पांडियन ने बताया कि उन्नत क्लीनिकल ट्रायल्स जैसे DAWN और DEFUSE-3 ने इस्केमिक स्ट्रोक के लक्षणों की शुरुआत के 24 घंटे बाद तक के लिए मेकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी की खिड़की बढ़ा दी है। उन्होंने कहा, “इस विस्तारित खिड़की से हम अधिक मरीजों का प्रभावी ढंग से इलाज कर पाएंगे और उनकी विकलांगता को कम कर उनकी जीवन गुणवत्ता को बेहतर बना सकेंगे।”
मेडट्रोनिक इंडिया के प्रबंध निदेशक और उपाध्यक्ष, मनदीप सिंह कुमार ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह साझेदारी पब्लिक-प्राइवेट सहयोग का उदाहरण है, जो अत्यधिक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान कर सकती है।
इस मौके पर कई प्रमुख अधिकारी भी मौजूद रहे जिनमें प्रशासनिक सचिव श. कुमार राहुल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशक डॉ. हितिंदर कौर, निदेशक मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान डॉ. अवनीश कुमार, सीएमसी लुधियाना के निदेशक डॉ. विलियम भट्टी, और पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के न्यूरोलॉजी प्रोफेसर डॉ. धीरज खुराना शामिल थे।