
फगवाड़ाः पंजाब में नगर निगम चुनाव के नतीजे जारी होने के बाद से मेयर पद को लेकर लगातार राजनीति गरमाई हुई है। हालांकि आप पार्टी ने पटियाला, जालंधर और लुधियाना में मेयर का ऐलान कर दिया है, जबकि अमृतसर और फगवाड़ा में अभी तक मेयर के नाम का ऐलान नहीं हुआ है। वहीं मेयर पद को लेकर हलचल तेज हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार नगर-निगम फगवाड़ा की 25 जनवरी को पार्षदों के शपथ ग्रहण को लेकर नगर निगम हाउस की होने वाली मीटिंग व मेयर के चुनाव से पहले फगवाड़ा में कांग्रेस के 22 नवनिर्वाचित पार्षद में से 20 पार्षद व एक कांग्रेस समर्थित आजाद पार्षद पंजाब छोड़कर किसी दूसरे राज्य में चले गए हैं।
बताया जा रहा है कि ये लोग वहीं रहेंगे और सीधे बैठक में ही शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार इन सभी के नेताओं के मोबाइल फोन भी बंद आ रहे हैं। हालांकि किसी भी कांग्रेस नेता ने इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है। लेकिन इसे लेकर शहर में खूब चर्चा हो रही हैं। पंजाब में आप की सरकार हैं, ऐसे में कांग्रेस को डर है कि कही ‘आप’ उनके पार्षदों पर कथित तौर पर दबाब की राजनीति बनाकर उन्हें तंग-परेशान कर कही तोड़ न ले।
इसी के कारण कांग्रेस पार्षद फगवाड़ा छोड़ कर किसी दूसरे राज्य में चले गए हैं। बता दें कि सभी पार्षद हिमाचल प्रदेश के किसी इलाके में चले गए हैं क्योंकि वहां कांग्रेस की सरकार हैं और सभी पार्षद सुरक्षित रहेंगे। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आरोप लगा रही हैं कि आप द्वारा कुछ पार्षदों को कथित तौर पर पुलिस बल से डराया-धमकाया जा रहा था। बता दें कि 50 सीटों वाले फगवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस सबसे ज्यादा 22 सीटें हैं, जबकि सत्ताधारी आम आदमी पार्टी 12 पार्षदों के साथ दूसरे नंबर पर है और 6 आजाद उम्मीदवारों ने इस बार जीत दर्ज की है।
वहीं भाजपा 4, शिअद(ब) और बसपा 3-3 सीटें जीत पाई हैं। नतीजों के बाद से अभी तक एक आजाद उम्मीदवार कांग्रेस में शामिल हो चुका है जबकि दो आजाद उम्मीदवारों ने आप का दामन थाम लिया है। इससे जहां कांग्रेस के पार्षदों की संख्या 23 तक पहुंच गई है वहीं आप अभी 14 तक ही पहुंच पाई है। इसके अलावा एक वोट विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल की भी जोड़ दी जाए तो भी कांग्रेस 24 तक ही पहुंच पाती है जो कि बहुमत के आंकड़े से दो कम है। ऐसे में कांग्रेस का पूरा दारोमदार गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली बसपा पर ही है।