रथ चालक बारात में पैसे लूटने में व्यस्त
लुधियानाः उपकार नगर में विवाह समारोह दौरान 2 घोड़ियों के रथ के बेकाबू होने की घटना सामने आई है। दरअसल, पटाखों की आवाज से घोड़ियां बेकाबू हो गई और घोड़ियां करीब 1 किलोमीटर तक तेज रफ्तार में भागी। बेकाबू घोड़ियां एक खंभे से टकरा गई। खंभे के पास लगी लोहे की पत्ती एक घोड़ी की कमर में घुस गई। खून से लथपथ घोड़ी सड़क पर तड़पने लगी। आस-पास के लोगों ने घोड़ी चालक को सूचित किया। जिसके बाद एक एनजीओं की मदद से घायल घोड़ी को उपचार के लिए पशुओं के अस्पताल ले जाया गया। हैरानी की बात यह है कि घटना के दौरान घोड़ियों का रथ चालक खुद बारात में पैसे लूटने चला गया था। घटना के दौरान गनीमत रही कि जिस समय घोड़ियां बेकाबू हुई उस समय रथ पर दूल्हा या उसका कोई रिश्तेदार बैठ नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
वहीं घोड़ी चालक मंदीप ने कहा कि घोड़ियों की आंखों पर लगाए चश्में टूट गए थे, जिसके कारण वह बेकाबू हुई है। मंदीप ने कहा कि वह पैसे लूटने नहीं गए थे। मंदीप मुताबिक जब घोड़ियां बेकाबू हुई तब वह रथ से उतर कर उसके बराबर भागने लगे। इस बीच उसके एक साथी की छात्ती पर भी चोट लगी। प्रत्यक्षदर्शी पवन ने कहा कि उसकी उपकार नगर में खाने-पीने के सामन की रेहड़ी लगती है।
उसने देखा कि दो घोड़ियां रथ सहित बेकाबू सड़क पर दौड़ रही थी। उनके पीछे कोई नहीं था। अचानक से घोड़ियां इलाके में एक खंबे से टकरा गई। हादसे दौरान खंबे में लगी लोहे की पत्ती घोड़ी की पीठ में घुस गई। देखने से लग रहा है कि घोड़ी की कमर का चुल्हा टूट गया है। समाज सेवक अनमोल संधू ने कहा कि उनकी एनजीओ का नाम हैल्प फार ऐनिमल है। उन्हें इलाके से किसी की काल आई थी कि इलाके में घोड़ियों का एक्सीडेंट हो गया है। घोड़ी का रथ चलाने वाला व्यक्ति नशेड़ी है। रथ चालक बारात में पैसे लूटने चला गया। रथ बेकाबू होने से घोड़ियां खंभे से टकरा गई।
खंभे के पास लगी लोहे की पत्ती एक घोड़ी की कमर में लग गई। एम्बुलेंस मौके पर लेकर आए है लेकिन ये एम्बुलेंस छोटी है। इस कारण अब बड़ा रेहड़ा मंगवाया है उस में लाद कर घोड़ी को जानवरों के अस्पताल लेकर जाया जाएगा। घोड़ी की हालत नाजुक है। रथ चालक की बड़ी लापरवाही है जिसने घोड़ियों की लगाम छोड़ी और पैसे इक्ट्ठे करने चला गया। अनमोल ने कहा कि जिस जगह हादसे हुआ है वहां सरकार स्कूल भी है। शुक्र है कि जिस समय घोड़ियां बेकाबू हुई उस समय स्कूल की छुट्टी नहीं हुई थी अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।