
लुधियानाः शहर के डुगरी थाना में 2017 में धोखाधड़ी के मामले में एक व्यक्ति और एक महिला को पुलिस ने हिरासत में लिया था। इस मामले में हिरासत में ली गई लड़की की रात के समय रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि लड़की ने आत्महत्या की है।
लेकिन लड़की के मंगेतर ने इस मामले में मानवाधिकार आयोग और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से शिकायत की और 2018 में जिला अदालत में याचिका दायर करने पर अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने कार्रवाई की और जून 2019 में थाना प्रभारी एसआई दलबीर सिंह, एएसआई सुखदेव सिंह और महिला पुलिसकर्मी राजविंदर कौर और महिला कांस्टेबल अमनदीप कौर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, लेकिन इसके बाद इस मामले में पीड़ित मुकल गर्ग ने माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और मामले की सुनवाई के बाद माननीय न्यायालय ने 10 मई 2024 को मामला सीबीआई को भेज दिया।
10 मई 2024 को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की ओर सीबीआई की टीम दुगरी पुलिस स्टेशन पहुंची है जहां उन्होंने सेंटर फॉरेंसिक की टीम के सदस्यों के साथ जहां उन्होंने 3 से 4 घंटे तक जांच हुई ओर पूरी घटना का सीन तैयार किया गया। सीबीआई टीम के पहुंचने के बाद थाने में पब्लिक डीलिंग बंद कर दी गई। पीड़ित ने जानकारी देते हुए कहा कि इस मामले में उन्हें उम्मीद है कि सीबीआई के कर्मचारियों से न्याय मिलेगा। उसने कहा कि जब 2017 में उनको घर से ज़बरदस्ती उठा कर थाने ले आए ओर उसके बाद उनसे मारपीट की गई। जिसके बाद उसकी मंगेतर बेहोश हो गई और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि उसने आत्महत्या कर ली है। पीड़ित मुकुल ने बताया कि इसके बाद उसके खिलाफ झूठा केस बना दिया गया।