जालंधरः महानगर में चल रहे अनाथ और बेसहारा बच्चों के लिए बाल गृहों का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी अजय भारती ने कहा कि जालंधर जिले में कोई भी बाल गृह जो 0-18 वर्ष की आयु के अनाथ, निराश्रित या दिव्यांग बच्चों के लिए कार्य कर रहा है, जो कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 संशोधन 2021 धारा 41 (1) के तहत रजिस्टर्ड नहीं है, उस पर कार्यवाही की जाएगी इ समें एक साल की सजा या एक लाख रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कोई भी गैर-सरकारी संगठन जिसमें 0-18 वर्ष के अनाथ, निराश्रित या विकलांग बच्चों को आवास, भोजन और देखभाल की सुविधा प्रदान की जा रही है। वह किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 41 (1) के तहत पंजीकृत होना अनिवार्य है। यदि किसी भी संसथा नें रजिसट्रैशन न करवाई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जो संसथा पंजीकृत नहीं है, वह अपने दस्तावेज 17.12.2024 को दफ्तर समय के दौरान जिला प्रोग्राम अधिकारी / जिला बाल संरक्षण अधिकारी दफ्तर में जमा करवाएं सकते हैं।