Highlights:
- बागवानी मंत्री महिंदर भगत ने पंजाब के आलू बीज को अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बनाने का प्रस्ताव रखा।
- आलू बीज निर्यात से पंजाब के किसानों की आय में बढ़ोतरी का लक्ष्य।
- फसल विविधीकरण और जल-संरक्षण वाली फसलों पर जोर, पारंपरिक फसल चक्र को बदलने की अपील।
जालंधर, 25 अक्टूबर 2024: पंजाब के बागवानी मंत्री महिंदर भगत ने आज जालंधर के धोगरी स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर पोटेटोज का दौरा किया, जहां उन्होंने पंजाब के आलू बीज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ब्रांड बनाने की जरूरत पर जोर दिया। मंत्री भगत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे घरेलू बाजार के साथ-साथ आलू बीज का निर्यात बढ़ाने के लिए उपयुक्त योजना तैयार करें। उन्होंने बताया कि इससे राज्य के आलू किसानों की आय में वृद्धि होगी और पंजाब की पहचान आलू बीज उत्पादन में एक अग्रणी राज्य के रूप में होगी।
आलू बीज उत्पादन में पंजाब की भूमिका
पंजाब में सालाना लगभग 1,17,066 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की खेती की जाती है, जिसमें से लगभग 60-65% भूमि पर बीज उत्पादन होता है। इस उच्च गुणवत्ता वाले बीज को पूरे देश में आपूर्ति की जाती है, जो पंजाब को भारत में आलू बीज उत्पादन का प्रमुख स्रोत बनाता है। मंत्री भगत ने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर उच्च गुणवत्ता का बीज तैयार किया जाता है। यह सेंटर इंडो-डच योजना के तहत संचालित है और आलू बीज उत्पादन में नई ऊंचाइयों तक पहुंच रहा है।
जल-संरक्षण वाली फसलों पर जोर
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल्स, करतारपुर के दौरे के दौरान, मंत्री भगत ने कृषि में सुरक्षित और टिकाऊ प्रथाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों को पारंपरिक गेहूं-धान चक्र से हटकर जल-संरक्षण वाली फसलों की ओर बढ़ने की अपील की। मंत्री ने कहा कि पंजाब में जल संकट को देखते हुए, किसानों को ऐसी फसलें उगानी चाहिए जो कम पानी में भी बढ़ें। इस अवसर पर उन्होंने किसानों से उच्च-तकनीक कृषि पद्धतियों को अपनाने का आह्वान किया, जिसमें हाइड्रोपोनिक प्रणाली का भी जिक्र किया गया।
किसानों के लिए सरकार का समर्थन और योजना
पंजाब सरकार, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, किसानों को सभी प्रकार का समर्थन देने के लिए तैयार है। मंत्री भगत ने बताया कि राज्य सरकार फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगी और किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने का काम करेगी।
जालंधर के प्रगतिशील किसानों की उपस्थिति में आयोजित बैठक में, बागवानी मंत्री ने किसानों से चर्चा की और उनकी जरूरतों और सुझावों को सुना। किसानों ने राज्य में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सुविधाओं पर सुझाव दिए।