किसानों के दिल्ली कूच को लेकर कही ये बात
जालंधर, ENS: होशियारपुर में माहिलपुर के दिल्ली इंटर नैशनल स्कूल में पढ़ने वाली 4 वर्षीय बच्ची को स्कूल फीस के कारण स्कूल से निकाल दिया गया था। दरअसल, पेरेंट्स द्वाा स्कूल फीस नहीं जमा करवाई गई थी। दूसरी ओर बच्ची के परिजनों ने स्कूल के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए एसडीएम गढ़शंकर को जानकारी दे दी है। वहीं इस मामले में तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। इस मामले को लेकर केंद्रिय पूर्व मंत्री विजय सांपला ने कहा कि ऐसे केस देश भर में आपकों कहीं ना कहीं मिल ही जाएंगे। उन्होंने कहा कि रोजाना हमे ऐसी परिस्थितियों को लेकर लड़ना भी पड़ रहा है। पूर्व केंद्रिय मंत्री ने कहा कि शिक्षा सरकार का कानून है और शिक्षा पर प्रत्येक बच्चे का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि 14 साल तक के बच्चे के शिक्षा में अगर रूकावट आती है तो वह उसकी आवाज को बुलंद करेंगे। उन्होंने कहा कि डॉक्टर बीआर अबेंडकर ने यह भी कहा कि सविधान चाहे जितना मर्जी अच्छा हो लेकिन जब तक उसे लागू करने वाले की नीयत अच्छी नहीं होगी तो उस कानून का कोई मतलब नहीं होगा। सांपला ने कहा कि आज देश में कानून तो है, लेकिन उसे सही ढंग से लागू नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के लिए फांसी की सजा है, तो क्या दुष्कर्म होना बंद हो गया। वहीं उन्होंने कहा कि दलितों पर अत्याचार को लेकर सख्त कानून बनाए गए है, लेकिन लोगों की मानसिकता के ऊपर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार सही नीयत के साथ काम नहीं करेंगी, तब तक इसका समाधान नहीं होगा।
वहीं किसानों के दिल्ली कूच को लेकर विजय सांपला ने कहा कि आज पंजाब हमारा औद्योगिक, समाजिक व आर्थिक स्थिति से पिछड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसान भाईयों को भी सोचना चाहिए, क्यों सरकार उनको सुनना चाहती है और उनकी मांगों को पूरा कर रही है। सांपला ने कहा कि किसानों को भी कहीं ना कहीं एक फुलस्टॉप लगाना होगा। उन्होंने कहा कि जो-जो किसान बीज रहे है वह सब उठाया जा रहा है। सांपला ने कहा केंद्र सरकार ने धान की खरीद के लिए 44 हजार करोड़ रुपए पंजाब सरकार को भेज दिए हुए है, ताकि किसानों को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े।
उन्होंने कहा कि ऐसे में किसी ने किसानों को पैसा नहीं दिया तो उसकी जिम्मेदारी पंजाब सरकार है। सांपला ने कहा कि किसानों को धरना सीएम के घर के बाहर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में धरना लगाने से क्या फायदा होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान भी कर रही है। उन्होंने कहा कि जितनी केंद्र की किसानों के साथ बात हो चुकी है इतनी किसी भी संस्था के साथ नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जब तक सभी किसान नेता खुद एक नहीं है और ना ही उनका एक मंच है। सांपला ने कहा जब तक किसान गिनती कम करके एक मंच नहीं बनाते तब तक कोई फैसले का हल नहीं निकल पाएगा और यह बात किसान नेता भी जानते है।