जालंधर, ENS: पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया आज जालंधर में दूसरे दिन नशा मुक्त पंजाब पैदल मार्च यात्रा के तहत करतारपुर के जंग-ए-आज़ादी स्मारक पर पहुंचे। इस दौरान राज्यपाल ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि वास्तव में आज जिस स्थान पर हम है यह जंग-ए-आज़ादी स्मारक देश की आजादी के लिए अपने आप को कुर्बान करने वाले बलिदानियों का केंद्र है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त पंजाब को जन आंदोलन कैसे बनाया जाना चाहिए इस पर वह आम लोगों से विचार विमर्श कर रहे है। उन्होंने कहा कि मां बहनों से उन्होंने बात की और पूछा है कि नशा मुक्त पंजाब को किस तरह मुक्त करवाया जाए इसके बारे में वह उन्हें बताएं।
राज्यपाल ने कहा कि भगवान की योजना के तहत पंजाब में आना हुआ और इस समस्या को कैसे हल किया जाए और नशा पंजाब कैसे बने इस बारे में भी वह जन जागृति के साथ चलेंगे।राज्यपाल ने कहा कि इस आंदोलन में वह 5 दिन नशा मुक्त पंजाब यात्रा दौरान चले हैं और और इस यात्रा में वह एक सहयोगी हैं।उन्होंने कहा कि आज भी वह कई किलोमीटर चले हैं और इस पर भी ईश्वर की कोई कृपा है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में माता और बहनों को कैसे जोड़ा जाए इसे लेकर भी वह विचार विमर्श कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि माता और बहनें जब बच्चों को नशे की हालत में देखते हैं तो उन्हें काफी पीड़ा होती है और वह कुछ कर भी नहीं पा रही है।
जन जागरण द्वारा ही इस हालातों पर रोक लगाई जा सकती है।दो कदम तो हमें सफलता मिलेगी क्योंकि जब देश के लिए लोगों ने आजादी की लड़ाई शुरू की थी तब उन्हें भी नहीं पता था कि देश आजाद कब होगा। पंजाब में जितने भी धर्मगुरु हैं या दर हैं उनको बुलाकर उनसे सुझाव दूंगा कि नशा मुक्त पंजाब करवाने के लिए क्या करना चाहिए क्या सुझाव देने चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं 10 दिन के लिए 70 से 80 किलोमीटर और उससे ज्यादा पड़ाव भी चल पाएंगे। उन्होंने मीडिया को लेकर भी कहा कि उनका काफी सहयोग है और इन्हीं के सहयोग के कारण ही हम गलत संदेश देने में रोक लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त पंजाब को बनाने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए कि किसी एक व्यक्ति विशेष का काम नहीं है।
राज्यपाल ने कहा कि वह सोचते हैं कि पंजाब देश का एक नेतृत्व करने वाला राज्य है। पंजाब के लोगों के समर्पण और देश के प्रति जज्बात हैं उसको अगर सही दिशा दें तो यह एक बहुत बड़ी ताकत बनकर उभरता है और और देश को भी उभर सकता है।लेकिन इस हालातो को देखकर हमें कष्ट होता है और इसमें हम देख सकते हैं कि क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह पंजाब के राज्यपाल है उनके पास दिल्ली रिपोर्ट आती है और द्रोण के द्वारा सीमा पार से जैसे ड्रग्स आ रही हैं और उसे रोकने के लिए हमने पहले से अधिक संख्या में ज्यादा ड्रोन गिरा दिए हैं। उन्होंने कहा लेकिन अभी तक सीमा पार से द्रोण आने का काम रुका नहीं है।उन्होंने कहा कि हमारे पास सिर्फ 12 एंटी ड्रोन दिए गए थे जो इन चीजों को पकड़ते जा रहे थे अब मैने प्रधानमंत्री से बात की है और उन्होंने 26 और एंटी ड्रोन देने के लिए कहा है।
नशे की दवाइयां को लेकर कहा कि इसमें हमारी स्वयं की कमी है और खासकर नशे की दावों को लेकर पढ़ने वाला विद्यार्थी प्रभावित हो रहा है। और इसे रोकने के लिए जब तक जनता हमारे साथ नहीं होगी तो उसे रोकने में हम नाकाम रहेंगे लेकिन अगर जनता साथ में होगी तो हम इस पर भी अंकुश लगा पाएंगे।चरणजीत सिंह चन्नी की बात का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने जो कहा वह सही है लेकिन यह कार्यक्रम मेरी ओर से आयोजित नहीं था। लेकिन उन्होंने कहा कि आगे में जो कार्यक्रम करूंगा तो उन्हें उनको भी बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसी पार्टी का नहीं है यह एक जन आंदोलन है। उन्होंने पंजाब सरकार पर तंज करते हुए कहा कि सरकार को कानूनी तरीके से इन दुकानों को बंद करवा देना चाहिए।
शराब को लेकर कहा कि सरकार के अपने कोई तरीके हैं लेकिन वह इतना जरूर मानते हैं कानूनी तरीके से आप बहुत सारी दुकानें बंद करवा सकते हो।गुजरात में काफी समय से शराब बंदी कर रखी है और आने वाली जनरेशन को बिगड़ने का चांस नहीं मिला। उन्होंने कहा कि हरियाणा से ट्रेड चलता है और राजस्थान के बॉर्डर पार करते हुए ट्रेड गुजरात तक जा रहा है और इसका अनुभव आप भी करते और मैं भी करता हूं। उसमें आखिर कोई ना कोई तो लिंक है तो इस लिंक को कैसे मजबूती से तोड़ा जाए यह भी देखा जाए। वहीं किसानों को लेकर कहा कि यह समस्या मेरे से संबंधित नहीं है लेकिन हर समस्या का समाधान टेबल पर बैठकर होता है। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का हाल वार्तालाप करके ही किया जा सकता है।