ग्रामीण पुलिस ने अभियान चला अंतर-जिला आपराधिक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।
जालंधर। डीजीपी गौरव यादव के दिशा-निर्देशों में चलाये गये अभियान के तहत जालंधर ग्रामीण पुलिस ने अंतर-जिला आपराधिक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। पुलिस टीम ने गिरोहों का भंडाफोड़ करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनसे छह चोरी के वाहन, 15 छीने गए मोबाइल फोन और घातक हथियार बरामद किया है। पुलिस अधीक्षक हरकमल प्रीत सिंह खख के नेतृत्व में तीन अलग-अलग अभियानों में एसपी जांच जसरूप कौर बाठ व जालंधर ग्रामीण के सभी उप-विभागों में विशेष टीमे ने ये कार्रवाई की है।
पहला ऑपरेशनः राहगीरों को लूटना का मामला
डीएसपी फिल्लौर सरवन सिंह बल की देखरेख में फिल्लौर पुलिस स्टेशन ने दो हाईवे लुटेरों बलविंदर राम और ब्रिजू को गिरफ्तार किया, जो तेज हथियारों का इस्तेमाल कर राहगीरों को निशाना बनाते थे। चोरी की गई तीन मोटरसाइकिलें और तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए। एक साथी सनी उर्फ बाबा अभी भी फरार है। आरोपियों के खिलाफ बीएनएस एक्ट की धारा 303(2) और 317(2) के तहत एफआईआर नंबर 123 दर्ज की गई है।
दूसरा ऑपरेशनः ट्रक चालक को निशाना बनाकर लूटना का मामला
जालंधर, कपूरथला और लुधियाना में सक्रिय एक अंतर-जिला चोरी गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। डीएसपी फिल्लौर सरवन सिंह बल की निगरानी में गोराया थाने की टीम ने मंगत राम उर्फ मंगा, सुनील कुमार उर्फ सीपी और सरबजीत कुमार उर्फ साबी को गिरफ्तार किया। यह गिरोह 5 दिसंबर 2024 को ट्रक चालक विजय कुमार पर हमला कर उसका सामान लूटने के लिए जिम्मेदार था। कार्रवाई में चोरी के 12 मोबाइल फोन, एक दातर और वारदात में इस्तेमाल एक अपंजीकृत मोटरसाइकिल बरामद हुई। गुराया थाने में बीएनएस एक्ट की धारा 307, 311, 351(2), 3(5) और 317(2) के तहत एफआईआर नंबर 151 दर्ज की गई है।
तीसरा ऑपरेशनः दो पहिया वाहन चोरी का मामला
एसएचओ करतारपुर के नेतृत्व में की गई तीसरी कार्रवाई में निरवैर सिंह को गिरफ्तार किया गया। उसने एक सफेद एक्टिवा (पीबी08-सीडब्ल्यू-4630) और एक स्प्लेंडर मोटरसाइकिल समेत अन्य चोरी की वारदातें कबूल कीं। वह एक आदतन अपराधी है, जिसके खिलाफ करतारपुर पुलिस स्टेशन में पहले भी चोरी का मामला दर्ज है। फिलहाल, आरोपी के खिलाफ बीएनएस एक्ट की धारा 303(2) और 317(2) के तहत एफआईआर नंबर 161 दर्ज की गई है।
एसएसपी खख ने कहा कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति पुलिस हिरासत में हैं और उन्हें संबंधित अदालतों में पेश किया जाएगा। उनके नेटवर्क का पता लगाने, साथियों की पहचान करने और चोरी की गई अतिरिक्त वस्तुओं को बरामद करने के लिए आगे की पूछताछ के लिए उनका रिमांड मांगा जाएगा।