जालंधरः थाना नई बारादरी में 24 जनवरी 2012 को धोखाधड़ी व जालसाजी के केस पर कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने वीरवार को 2.5 करोड़ के घोटाले में डिविजनल कमिश्नर दफ्तर के इम्बॉसिंग क्लर्क चरनजीत सिंह वासी मुकेरियां को 5 साल की कैद व 50 हजार रुपए जुमाने की सजा सुनाई है। इसी के साथ ईडी की ओर से घोटाले को लेकर दायर किए गए मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी चरनजीत को तीन साल की कैद व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। केस में आरोप साबित न होने पर एजेंट योगेश सोनी वासी कोट मोहल्ला (बस्ती शेख), उसके भाई अजय सोनी और राजेश आनंद वासी ओल्ड जवाहर नगर को बरी कर दिया है।
क्या है मामला
थाना नई बारादरी में दर्ज किए गए केस के अनुसार डिविजनल कमिश्नर दफ्तर के क्लर्क चरनजीत सिंह वासी मुकेरियां को नामजद किया गया था। पुलिस द्वारा मामले की जांच करते हुए खुलासा हुआ कि 2009 से लेकर 2012 तक चरनजीत सिंह ने करीब 2.50 करोड़ का घोटाला किया था। जांच के दौरान इस केस में उक्त तीन प्राइवेट लोग के नाम भी नामजद किए गए थे। जांच में यह बात आई थी कि चरनजीत सिंह इम्बॉसिंग फीस की रसीद अगर दस हजार की काट कर आवेदक को देता था, मगर सरकारी खाते में एक हजार रुपए जमा करवाता था। रसीद में कटिंग कर एक हजार कर देता था।