
जालंधर, ENS: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को आम बजट पेश करेंगी। वहीं इस बजट से कारोबारियों को काफी उम्मीद है। जिसको लेकर कारोबारी इस बार सरकार से खास अपेक्षा कर रहे हैं। मामले की जानकारी देते हुए वेस्ट हल्के में स्पोर्ट्स कारोबारियों का कहना है कि उनकी सबसे बड़ी मांग जीएसटी स्लैब पर पूर्ण विचार करने की है। दूसरा, विदेशो से आने वाले रॉ मट्रीरियल को डयूटी फ्री किया जाना चाहिए या उसे न्यूनतम किया जाना चाहिए, तीसरा आरएन सेंटर पंजाब के पास होना चाहिए जो कि अभी तक नहीं है।
कारोबारी ने कहा कि इंडस्ट्री 1947 से पहले पाकिस्तान के सियालकोट में थी। जिसके बाद वहां से आए बुजुर्गों ने जालंधर में स्थापित की है, जो कि अब लोगों को 70 से 80 हजार लोगों को रोजगार मुहैय्या करवा रही है। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि पंजाब की यह एकमात्र इंडस्ट्री है जो छोटी सी टर्नओवर से लोगों को रोजगार दे रही है। वहीं राज्य सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। जबतक राज्य सरकार केंद्र सरकार के सामने कारोबारियों को आ रही परेशानियों उनके सामने नहीं रखेगी तब तक राज्य का समाधान नहीं होगा।
फिटनेस प्रोडक्ट को हायर स्लैब में ले सरकार द्वार लिया गया है, जिस पर 18 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है जबकि उसकी कीमत टैक्स से काफी कम है। वहीं अन्य कारोबारी साहिल ने कहा कि जीएसटी, आरएनडी सेंटर सहित कई समस्या है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हर बार आश्वसान दिया जाता है, लेकिन बजट में पिछले 10 से 12 साल से निराशा हाथ लगी है। ऐसे में इस बार उन्हें बजट से काफी उम्मीदे है। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स की एक 15 रुपए की आइटम पर 18 प्रतिशत टैक्स लगाया जा रहा है, जिसके चलते उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
केंद्र द्वारा फरवरी में जारी होने वाले बजट को लेकर लेदर कारोबारी ने कहा कि पहले लैदर पर सरकार द्वारा इपोंट ड्यूटी नहीं लगाई गई थी, लेकिन 2 साल पहले सरकार द्वारा उस पर 11 प्रतिशत इंपोट ड्यूटी लगा दी गई थी। उन्होंने कहा कि इंपोट ड्यूटी गलत है। कारोबारी के अनुसार रॉ मट्रीरियरल ब्राजील सहित अन्य विदेशों में जो है वह हमारे देश में नहीं है, लेकिन उस पर लगाए गई 11 प्रतिशत इंपोट ड्यूटी पर इस बार पूर्ण विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इंपोर्ट ड्यूटी के जरिए हमने रोजगार दिया, हमने टैक्स अदा किए और प्रोडक्ट बनाकर विदेश भेजे। जिसके बाद विदेशों का पैसा भारत में लाया गया। ऐसे में इस पर दोबारा से सरकार को विचार करके इंपोट ड्यूटी को रद्द किया जाना चाहिए।