चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल जुटे हुए हैं। इसी तैयारी के बीच नई खबर सामने आई है। सूत्रों के हवाले से खबर सामने आ रही है कि कांग्रेस अपना सीएम चेहरा घोषित नहीं करेगी और सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा।
कांग्रेस ने पिछला विधानसभा चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़ा था लेकिन इस बारकैप्टन ने अलग राह पकड़ ली है और कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी किसी को अपना सीएम चेहरा घोषित नहीं करेगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन कर कांग्रेस को चुनौती देने की तैयारी कर रखी है।
कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर एक और बड़ा फैसला किया है। पार्टी एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट देने का फैसला किया है। गुरुवार को पंजाब के सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इस दौरान पंजाब में पार्टी की तैयारियों को लेकर भी चर्चा हुई। वहीं बुधवार को पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट देने का फैसला लिया गया। बैठक के दौरान पंजाब की 117 विधानसभा सीटों से पार्टी के टिकट के दावेदारों पर मंथन हुआ और रणनीति बनाई गई। यह जानकारी पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने दी।
एक समाचार एजेंसी को पार्टी के एक नेता ने बताया कि उन्होंने शीर्ष नेताओं के सामने इच्छा जताई है कि पार्टी को आगामी चुनाव के लिए सामूहिक नेतृत्व में काम करना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा लग रहा है कि इस कदम के साथ ही पार्टी वोटों के ध्रुवीकरण से बचना चाहती है, क्योंकि चरणजीत सिंह चन्नी सीएम चेहरा होते हैं, तो दलित वोट हासिल करने की संभावनाएं ज्यादा हैं।