जम्मूः जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री और पहाड़ी नेता सैयद मुश्ताक बुखारी का बुधवार को निधन हो गया। दिल की गति रुक जाने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार दिल की गति रुक जाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। भाजपा उम्मीदवार सैय मुश्ताक बुखारी 75 वर्ष के थे।
वह 75 वर्ष के थे और उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। बता दें कि बुखारी सुनकोट से बीजेपी प्रत्याशी थे और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे। बुखारी फरवरी में ही बीजेपी में शामिल हुए थे। इससे पहले वह नेशलन कॉन्फ्रेंस में थे। सैयद मुश्ताक बुखारी पुंछ जिले के सुरनकोट से दो बार विधायक रह चुके हैं। बुखारी को कभी नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का बेहद करीबी माना जाता था।
पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने को लेकर फारूक अब्दुल्ला से मतभेद के चलते फरवरी 2022 में उन्होंने पार्टी से जुड़ा चार दशक पुराना नाता तोड़ लिया था। केंद्र द्वारा पहाड़ियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने के बाद वे इस साल फरवरी में भाजपा में शामिल हो गए थे। वे पहाड़ी मुसलमानों के बीच एक पूजनीय आध्यात्मिक नेता थे, जो उन्हें “पीर साहब” कहकर पुकारते थे।
पीर पंजाल क्षेत्र का हिस्सा और सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों तक फैला सुरनकोट विधानसभा क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के दौरान 25 सितंबर को मतदान हुआ था। तीन चरणों में होने वाले चुनाव एक अक्तूबर को संपन्न हुए। आठ अक्तूबर को मतों की गिनती होगी।
पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राजनेता के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, “मैं बीजेपी नेता मुश्ताक बुखारी जी के आकस्मिक निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।” पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी एक्स पर मुश्ताक बुखारी की हुई दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर संवेदना व्यक्त की।
भाजपा के जम्मू-कश्मीर अध्यक्ष रविंदर रैना ने भी पोस्ट करते हुए एक्स पर लिखा कि “राजनीतिक दिग्गज और सुरनकोट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार सैयद मुश्ताक बुखारी साहब के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध और बहुत दुखी हूं। यह राजौरी और पुंछ के पूरे समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।”