नई दिल्ली: किसानों कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर खनौरी बॉर्डर और शंभू बॉर्डर पर बैठे हुए है। वहीं 2 बार किसानों ने दिल्ली कूच की कोशिश की, लेकिन हरियाणा प्रसाशन द्वारा लगातार आंसू गैस के गोल दागे जा रहे है। जिसके चलते दोनों पर किसानों ने 101 किसानों का दिल्ली कूच का जत्था वापिस बुलाया। वहीं इस मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर खोलने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। इस अर्जी में पंजाब के सभी हाइवे खोलने की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान कहा गया कि इस मामले में पहले से ही एक याचिका लंबित है, इसलिए नई याचिक पर चर्चा नहीं होगी। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले पहले ही कोर्ट में चल रहे हैं, फिर बार-बार क्यों इस तरह की याचिका दाखिल की जा रही हैं।
बता दें कि शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने फिलहाल अपना दिल्ली मार्च स्थगित कर दिया है। आज प्रदर्शनकारी किसान आगे की रणनीति पर मीटिंग करेंगे और अपना प्लान बताएंगे। किसानों का कहना है कि 8 दिसंबर को हुए प्रदर्शन में पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां बरसाईं, जिसमें 6-8 किसान घायल हो गए और एक घायल को पीजीआई, चंडीगढ़ रेफर किया गया है। शंभू बॉर्डर से किसानों द्वारा दिल्ली की तरफ पैदल कूच की दूसरी कोशिश को भी रविवार को विफल कर दिया गया।
जैसे ही पंजाब की तरफ से 101 किसानों का जत्था पैदल दिल्ली की तरफ रवाना हुआ तो वहीं हरियाणा बॉर्डर पर तैनात सुरक्षा बलों ने पहले किसानों का स्वागत करते हुए उन्हें चाय, बिस्किट पूछा फिर पुलिस ने किसानों पर फूल बरसाए और उन्हें दोबारा वापस लौट जाने की अपील की। जब किसान नहीं माने तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले फेंके। इस दौरान चार किसान घायल हुए जिसके बाद किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला आगामी आदेश तक टाल दिया और वापस चले गए।