नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज किसानों को लेकर सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पंजाब सरकार से अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर पर पास के अस्थायी अस्पताल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है, जहां उनके स्वास्थ्य की दिन-रात निगरानी की जा सके। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भूइयां की पीठ ने पंजाब सरकार के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह को 70 वर्षीय डल्लेवाल को पंजाब एवं हरियाणा की सीमा के बीच खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल के निकट स्थापित अस्थायी अस्पताल में स्थानांतरित करने के संबंध में आज एक हलफनामा देने को कहा है।
गुरमिंदर सिंह ने पीठ को सूचित किया कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल सहयोग कर रहे हैं और गुरुवार को उनकी ईसीजी एवं खून के नमूने की जांच समेत कई जांच की गईं। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल की स्वास्थ्य की स्थिति फिलहाल स्थिर है। पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर दोपहर करीब ढाई बजे फिर सुनवाई करेगी
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला द्वारा चिकित्सा देखरेख में एक दशक से अधिक समय से जारी विरोध प्रदर्शन का उल्लेख किया और पंजाब सरकार से कहा कि वह डल्लेवाल को स्वास्थ्य जांच कराने के लिए राजी करें। पीठ ने पंजाब सरकार की इस बात के लिए खिंचाई की थी कि उसने आमरण अनशन कर रहे डल्लेवाल की चिकत्सीय जांच नहीं कराई।
केंद्र पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाने के उद्देश्य से डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसान सुरक्षा बलों द्वारा उनके दिल्ली कूच को रोके जाने के बाद 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू एवं खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। उपज के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली तक मार्च करने की किसानों की घोषणा के बाद हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगा दिए थे।