
केरलः नर्सिंग स्टूडेंट्स से रैगिंग मामले में केरल सरकार ने कार्रवाई करते कॉलेज की प्रिंसिपल सुलेखा एटी को सस्पेंड कर दिया है। उनके साथ असिस्टेंट प्रोफेसर व हॉस्टल के वार्डन इंचार्ज अजीश पी मणि को भी हटा दिया है। उन पर आरोप है कि वे रैगिंग रोकने और इस मामले में समय पर हस्तक्षेप करने में नाकामयाब रहे।
केरल के स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, हॉस्टल के हाउसकीपर और सुरक्षा गार्ड को भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। सरकार ने यह कार्रवाई मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टर की जांच रिपोर्ट के आधार पर की है। केरल के एक सरकारी नर्सिंग कॉलेज में 12 फरवरी को जूनियर्स के साथ रैगिंग का मामला सामने आया था। पांच सीनियर छात्रों ने 3 स्टूडेंट के पहले कपड़े उतारे। फिर उनके प्राइवेट पार्ट पर डंबल (भारी वजन) लटका दिया था। सीनियर्स ने बाद में कंपास और नुकीली वस्तुओं से भी छात्रों को घायल किया। इसके बाद जख्म पर लोशन लगाया, ताकि दर्द और बढ़े। जब पीड़ित दर्द से चिल्लाने लगे, तो उनके मुंह में भी लोशन डाल दिया। तीनों पीड़ित फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट हैं और तिरुवनंतपुरम के रहने वाले हैं।
सीनियर्स ने पीड़ितों को नग्न करके उनकी रैगिंग का वीडियो भी बनाया। इसके साथ ही धमकी दी कि अगर उन्होंने इसकी रिपोर्ट करने की हिम्मत की तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। पुलिस ने इस मामले में 13 फरवरी को 5 आरोपी छात्रों को गिरफ्तार किया था। गांधीनगर पुलिस ने बताया था कि सभी को 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। उन्हें एंटी-रैगिंग अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के नाम सैमुअल जॉनसन (20), राहुल राज (22), जीव (18), रिजिल जीत (20) और विवेक (21) हैं।