नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस की अगुवाई में वाला इंडिया अलायंस राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने आज राज्यसभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस पेश किया। इस अविश्वास प्रस्ताव में कुल 71 सांसदों के हस्ताक्षर हैं। हालांकि, ममता बनर्जी की पार्टी की तरफ से इसपर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है।
राज्यसभा के सभापति के कामकाज से नाराज इंडिया अलायंस के दल अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश में हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर करीब 71 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। विपक्ष का आरोप है कि सभापति का रवैया पक्षपातपूर्ण है। इस प्रस्ताव में सभापति पर सदन में पक्षपातपूर्ण कामकाज का आरोप लगाया गया है। इंडिया अलायंस की पार्टियां अनुच्छेद 67(बी) के तहत अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकती हैं।
विपक्ष ने अगस्त में संसद के मानसून सत्र के दौरान भी हस्ताक्षर अभियान चलाया था, लेकिन उस समय कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया था। हालांकि, इंडिया ब्लॉक अब सभापति जगदीप धनखड़ को लेकर असंतोष जता रहा है, और उन पर राज्यसभा में कुछ सांसदों के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया दिखाने का आरोप लगा रहा है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और अन्य कई छोटे दल इस प्रस्ताव को लेकर एकजुट हैं।
इंडिया ब्लॉक के सांसद अक्सर राज्यसभा सभापति पर उच्च सदन में सत्तारूढ़ सदस्यों के प्रति पक्षपाती होने का आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने उन पर उनके भाषणों में बार-बार बाधा डालने, महत्वपूर्ण मुद्दों पर पर्याप्त बहस की अनुमति देने से इनकार करने और विवादास्पद चर्चाओं के दौरान सत्तारूढ़ दल का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने तर्क दिया कि संसदीय परंपरा में यह अनिवार्य है कि जब विपक्ष का नेता बोलने के लिए उठे तो उसे बोलने की अनुमति दी जाए।
विवाद का एक प्रमुख मुद्दा कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषणों में लगातार व्यवधान था, कथित तौर पर कई मौकों पर उनके माइक्रोफोन को बंद कर दिया गया। विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर सदस्यों के खिलाफ निजी टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया, जिसे उन्होंने संसदीय नियमों का उल्लंघन बताया।