नई दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन लोकसभा की कार्यवाही नहीं चल पाई। सदन में राष्ट्रगीत के बाद ही स्पीकर ने लोकसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू केअभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने यह घोषणा की। बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान सदन में 103 प्रतिशत कार्य हुआ। उन्होंने कहा कि इस सत्र में कुल 539 सदस्यों ने शपथ ली। पिछले महीने की 24 तारीख को बुलाया गया लोकसभा का सत्र कल समाप्त होने वाला था।
लोकसभा ने आखिरी दिन देश में एक साथ चुनाव कराने से संबंधित दो विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वहीं हंगामे को देखते हुए राज्यसभा की भी कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। संसद सत्र के आखिरी दिन विपक्षी सांसदों ने विजय चौक पर इकट्ठा होकर बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के संदर्भ में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई “अपमानजनक” टिप्पणी के खिलाफ शुक्रवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया। एक दिन पहले ही जब विपक्षी सांसद संसदभवन परिसर में प्रवेश कर विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहे थे तो धक्कामुक्की हो गई और बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी को चोट लग गई। सारंगी ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी के धक्का देने की वजह से उन्हें चोट आई है।
विपक्षी दल संसद के शीतकालीन सत्र में, संसद के मकर द्वार के निकट विरोध प्रदर्शन करते थे, लेकिन वीरवार की धक्का-मुक्की की घटना को बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निर्देश दिया कि कोई भी राजनीतिक दल, सांसद और सांसदों का समूह संसद के किसी भी द्वार पर प्रदर्शन नहीं कर सकते। गृह मंत्री अमित शाह की बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर से संबंधित टिप्पणी को लेकर विरोध जताते हुए कल विपक्षी सदस्यों ने मार्च निकाला तो भाजपा सांसदों ने कांग्रेस पर बाबासाहेब के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। संसद भवन के ‘मकर द्वार’ के निकट सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे के सामने आ गए और जमकर नारेबाजी की। भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने धक्का-मुक्की की जिस वजह से उसके बुजुर्ग सांसद प्रताप सारंगी चोटिल हुए। भाजपा सासंद मुकेश राजपूत को भी चोट लगी है।
दूसरी तरफ, कांग्रेस का दावा है कि भाजपा के सांसदों ने उसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कई महिला सांसदों को संसद भवन में जाने से रोका और धक्का-मुक्की की। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर राज्यसभा में दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया। मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया, जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं, ‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर…। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’ दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया और यह सुनिश्चित किया कि वह चुनाव में हार जाएं।