दुर्गः छत्तीसगढ़ के दुर्ग सेंट्रल जेल में बंद लूट के आरोपी की रायपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके पहले आरोपी के परिजनों और करीब 100 ग्रामीणों ने सुपेला थाने में जमकर बवाल किया था। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। परिजनों ने पुलिस पर मारपीट के आरोप लगाए हैं। पुलिस की कैद में मौत के मामले में अब पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ में पिछली तीन महीने में 2 लोगों की जेल में मौत हो गई है। मालूम हो कि दो दिन पहले लूट के आरोप दुर्ग सेंट्रल जेल में बंद पिंटू नेताम की मैकाहारा रायपुर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
दरअसल, लूट के मामले में फरीद नगर स्थित बस्ती से पिंटू नेताम को गिरफ्तार किया गया था। बुधवार को दुर्ग सेंट्रल जेल में आरोपी की तबीयत बिगड़ने पर उसे रायपुर मेकाहारा में भर्ती कराया गया था। उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी। देर रात उसने दम तोड़ा दिया। पुलिस का कहना है कि ब्रेन स्ट्रोक से जान गई है। 21 नवंबर को स्मृति नगर चौकी पर पिंटू के परिजनों ने हंगामा किया था। परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने पिंटू के साथ बेरहमी से मारपीट की है। इससे पिंटू की हालत खराब हुई है। पुलिस के द्वारा पिंटू से मुलाकात भी करने नहीं दी गई।
इससे परिजनों में आक्रोश व्याप्त है। जानकारी के अनुसार थाना सुपेला अंतर्गत चौकी स्मृतिनगर में बीएनएस (लूट) के प्रकरण में फरीदनगर डेरा निवासी आरोपी पिंटू नेताम को पुलिस ने अन्य दो आरोपियों के साथ 18 अक्टूबर को अरेस्ट किया था। इसके बाद उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। आरोपी पिंटू नेताम 18 अक्टूबर से आरोपी पिंटू सेंट्रल जेल दुर्ग में बंद था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनसुार केंद्रीय जेल में बंद आरोपी पिंटू की गिरफ्तारी के करीब 28 दिन बाद 15 नवंबर को 2024 को अचानक तबीयत खराब हुई।
जांच में उसका ब्लड प्रेशर लो हो गया था, उपचार के लिए जिला अस्पताल दुर्ग भर्ती किया था। यहां से उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया। इसके बाद 17 नवंबर को वापस केंद्रीय जेल दुर्ग वापस भेजा गया था। 18 नवंबर को उसका ब्लड प्रेशर लो होने की शिकायत के बाद जेल प्रशासन ने फिर मेकहारा अस्पताल रायपुर भर्ती कराया। जहां डॉक्टर्स ने ब्रेन स्ट्रोक के कारण ब्लड प्रेशर लो व ब्रेन में ऑक्सीजन सप्लाई कम के चलते आईसीयू में भर्ती किया। जहां इलाज के दौरान 21 नवंबर को उसकी मौत हो गई।