नई दिल्लीः केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने छात्रों की उपस्थिति पर सख्ती दिखाई है। बोर्ड की टीम जिले के 43 सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों का औचक निरीक्षण करेगी। इस दौरान वह छात्रों की उपस्थिति की जांच करेगी। 75 फीसदी से कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों का डेटा बोर्ड ने विद्यालयों से मांगा है। साथ की कहा कि स्कूल की ओर से धांधली मिली तो उनकी मान्यता रद्द की जा सकती है।
सिटी कोआर्डिनेटर विपिन सोनी ने बताया कि बोर्ड की टीम ने दिल्ली और राजस्थान के कई स्कूलों में निरीक्षण किया है। उन्होंने बताया कि परीक्षा में शामिल होने के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। चिकित्सा, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में प्रतिभाग करने पर ही 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। बोर्ड के आदेश ने विद्यालयों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, अधिकांश विद्यालयों में विद्यार्थियों की अनुपस्थिति के बावजूद हाजिरी लगाई जाती है। इंटर में पढ़ने वाले विद्यार्थी विद्यालय न आकर जेईई और नीट परीक्षा की तैयारी के लिए दूसरे शहरों में रह रहे हैं। इससे बोर्ड का रिजल्ट साल दर साल खराब होता जा रहा है।
इसके बाद से ही बोर्ड सख्त हुआ है। कहा कि निरीक्षण में अनुपस्थिति अधिक मिलने पर विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित किया जा सकता है। वहीं, विद्यालय की ओर से किसी भी प्रकार की धांधली उजागर होने पर मान्यता भी रद्द की जा सकती है। जनपद के 43 विद्यालयों के करीब आठ हजार विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होंगे। अनुपस्थिति की गणना एक जनवरी 2025 तक की जाएगी। सात जनवरी तक दस्तावेजों को बोर्ड में जमा करना होगा।